नई दिल्ली। दिल्ली में आज से देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुबह 11 बजे इसका शुभारंभ किया। इसी के साथ भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल जहां यह व्यवस्था है। दुनिया में कम ही ऐसे देश हैं जहां बिना ड्राइवर के मेट्रो चलती है। 

देश की पहली ड्राइवर लेस मेट्रो राजधानी दिल्ली के मैजेंटा लाइन पर बोटेनिकल गार्डन से जनकपुरी पश्चिम के बीच रफ्तार भरी। सोमवार को इस ऐतिहासिक अध्याय जुड़ने के बाद दिल्ली मेट्रो दुनिया के चुनिंदा मेट्रो सेवाओं में शामिल हो गई है। ड्राइवर लेस मेट्रो को कंट्रोल रूम में ही बैठे-बैठे कंट्रोल और ऑपरेट किया जाएगा। इससे मानवीय गलतियों के कारण परिचालन प्रभावित होने की आशंका समाप्त हो जाएगी। मेट्रो का दावा है कि ड्राइवर से एक बार गलती हो सकती है मगर ड्राइवर लेस मेट्रो से किसी भी दुर्घटना होने की संभावना नहीं है। 

ड्राइवर लेस मेट्रो के फायदे

मौजूदा समय में मैजेंटा लाइन पर 5 मिनट 12 सेकेंड के अंतर पर मेट्रो का परिचालन होता है। चालक रहित मेट्रो के परिचालन का फायदा यह है कि यात्रियों का दबाव बढ़ने पर महज 90 सेकेंड के अंतराल पर मेट्रो का परिचालन हो सकेगा। इससे मेट्रो की फ्रीक्वेंसी बढ़ेगी, यात्रियों को भीड़ भी कम मिलेगी और मेट्रो की आय में भी बढ़ोतरी होगी। मैजेंटा लाइन के 37 किलोमीटर हिस्से पर ड्राइवर लेस मेट्रो का परिचालन शुरू होने के बाद अब अगले साल मई-जून तक पिंक लाइन (शिव विहार-मजलिस पार्क) पर भी यह मेट्रो चलेगी। पिंक लाइन करीब 57 किमी लंबी है। 

ड्राइवरलेस ट्रेन ऑपरेशन शुरू करने के साथ ही पीएम मोदी ने मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर पूरी तरह फंक्शनल नैशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) सेवा की भी शुरुआत किया। इसके माध्यम से लोग रूपे आधारित डेबिट कार्ड का इस्तेमाल मेट्रो के स्मार्ट कार्ड की तरह कर सकेंगे और एयरपोर्ट लाइन के स्टेशनों पर लगे एएफसी गेट पर उसे पंच करके यात्रा कर सकेंगे। इससे अलग से मेट्रो का स्मार्ट कार्ड साथ लेकर चलने की जरूरत खत्म हो जाएगी और किराया सीधे उनके बैंक अकाउंट से कट जाएगा।