हमारे आदेश के बावजूद हेट स्पीच पर नहीं हो रही कार्रवाई, सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के रवैए पर जताई नाराजगी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसके आदेश के बावजूद हेट स्पीच के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। मुंबई में हिंदू जन आक्रोश मोर्चा के कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को लेकर कोर्ट ने कहा कि आप हमें एक आदेश देकर बार-बार शर्मिंदा होने के लिए कहते हैं।

Updated: Feb 04, 2023, 04:47 AM IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि हमारे आदेशों के बावजूद नफरत फैलाने वाले भाषणों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। शीर्ष अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हेट स्पीच पर रोक लगाने के वास्ते आगे कोई निर्देश देने के लिए कहा गया तो हमें ‘‘बार-बार शर्मिंदा'' होना पड़ेगा। 

जस्टिस के एम जोसेफ, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने कड़ी टिप्पणियां तब कीं, जब मुंबई में 5 फरवरी को होने जा रहे एक कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई का जिक्र किया गया। यह कार्यक्रम हिंदू जन आक्रोश मोर्चा की तरफ से आयोजित हो रही है। कोर्ट याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए सहमत हुई है।

शीर्ष न्यायालय ने याचिकाकर्ता से कहा, ‘आप हमें एक आदेश लेकर बार-बार शर्मिंदा होने के लिए कहते हैं। हमने बहुत सारे आदेश पारित किए हैं फिर भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। उच्चतम न्यायालय को घटना दर घटना के आधार पर आदेश पारित करने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए।'

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याचिकाकर्ता ने बताया कि कुछ दिन पहले इसी तरह की एक रैली का आयोजन किया गया था जिसमें 10 हजार लोगों ने भाग लिया और इसमें कथित रूप से आर्थिक एवं सामाजिक तौर पर मुस्लिम समुदाय का बहिष्कार करने का आह्वान किया गया। वकील के बार-बार आग्रह करने पर अदालत ने उन्हें आवेदन की एक प्रति महाराष्ट्र सरकार के वकील को देने को कहा। पीठ ने कहा, 'राज्य को एक प्रति दें, हम इसे प्रधान न्यायाधीश के आदेश के अधीन कल सूचीबद्ध करेंगे। केवल यह मामला, न कि सभी।'

बता दें कि शीर्ष अदालत ने पिछले साल 21 अक्टूबर को दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों को नफरत फैलाने वाले भाषणों पर कड़ी कार्रवाई करने, दोषियों के खिलाफ शिकायत का इंतजार किए बिना तुरंत आपराधिक मामले दर्ज करने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने यह भी चेतावनी दी थी कि इस 'अत्यंत गंभीर मुद्दे' पर कार्रवाई करने में प्रशासन की ओर से कोई भी देरी अदालत की अवमानना को आमंत्रित करेगी। 

हालांकि, सर्वोच्च अदालत के आदेश का कोई असर नहीं दिखा। क्योंकि, हेट स्पीच के मामले आज भी सामने आ रहे हैं और कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इस मामले में न्यायालय से अपील करते हुए कहा, 'जब तक आप अवमानना ​​के लिए राज्य के चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री को अवमानना केस में अदालत में नहीं घसीटेंगे, वे कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। कृप्या संविधान की रक्षा करें।'