द्रौपदी मुर्मू ने ली राष्ट्रपति पद की शपथ, बोलीं- देश में गरीब का सपना भी पूरा हो सकता है

द्रौपदी मुर्मू को देश की 15वीं राष्ट्रपति के तौर पर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने शपथ दिलाई। वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं। इस दौरान उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई।

Updated: Jul 25, 2022, 08:23 AM IST

नई दिल्ली। द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को भारत के 15वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एनवी रमना ने निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। साथ ही वह सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाली पहली आदिवासी महिला और स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति है।

शपथग्रहण के बाद उन्होंने कहा कि मैं छोटे से गांव से आती हूं और वहां प्राथमिक शिक्षा हासिल करना भी कठिन है। मैं इस स्तर तक शिक्षा पाने वाली पहली व्यक्ति हूं। राष्ट्रपति के रूप में मेरा चुना जाना केवल मेरी उपलब्धि नहीं है, बल्कि देश के सभी लोगों की उपलब्धि है, जो वे इस स्तर तक पहुंचने का सपना देख सकते हैं। 

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उन्होंने भाषण के शुरुआत में कहा कि, 'जोहार! नमस्कार! मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक इस पवित्र संसद से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूं। आपकी आत्मीयता, विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे।'

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए मैं सभी सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं। आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है। मैं पहली ऐसी राष्ट्रपति हूं जो आजाद भारत में जन्मी। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने भारतीयों से जो उम्मीदें लगाई थीं, उन्हें पूरा करने का मैं पूरा प्रयास करूंगी।

शपथग्रहण से पहले इससे पहले वो राष्ट्रपति भवन पहुंचीं, यहां उन्होंने रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी से मुलाकात की। दोनों ने मुर्मू को बधाई दी। राष्ट्रपति भवन के लिए निकलने से पहले राजघाट पहुंचकर उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी। मुर्मू के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में ओडिशा से 64 खास मेहमान आए हैं। शपथ के बाद खास मेहमानों के लिए लंच का आयोजन राष्ट्रपति भवन में किया गया है। उसके बाद सभी को पूरा भवन घुमाया जाएगा।