भारत सरकार की निष्क्रियता लोगों की जान ले रही है, कोरोना से बचने के लिए राहुल गांधी ने संपूर्ण लॉकडाउन को बताया ज़रूरी
राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार को लॉकडाउन लगाने के साथ साथ गरीब तबकों के लोगों तक कांग्रेस की न्याय योजना को लागू कर, उनके खाते में 6 हज़ार रुपए देने की बात कही है

नई दिल्ली। देश भर में फैले कोरोना के संकट को लेकर राहुल गांधी ने एक बात फिर केंद्र सरकार के रवैए की आलोचना की है। राहुल गांधी ने कहा है कि इस समय देश व्यापी लॉकडाउन लगाना बेहद ज़रूरी हो गया है। इसके साथ ही राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को गरीब तबके लोगों के खाते में पैसे डालने के लिए कहा है।
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार की निष्क्रियता लोगों की जान ले रही है। राहुल गांधी ने कहा है कि मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि केंद्र सरकार की नीतियों की कमी के कारण अब पूरे देश भर में संपूर्ण लॉकडाउन लगाना बेहद ज़रूरी हो गया है। सरकार ने संक्रमण को इस स्तर पर पहुंचाने में मदद की। भारत के खिलाफ एक गुनाह किया गया है।
I just want to make it clear that a lockdown is now the only option because of a complete lack of strategy by GOI.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 4, 2021
They allowed, rather, they actively helped the virus reach this stage where there’s no other way to stop it.
A crime has been committed against India.
राहुल गांधी ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा कि भारत सरकार समझ नहीं पा रही है। कोरोना से बचने के लिए अब लॉकडाउन ही एकमात्र विकल्प बच गया है। इसके साथ ही गरीब तबके के लोगों को न्याय योजना के तहत मदद करनी चाहिए। केंद्र सरकार की निष्क्रियता की वजह से मासूम लोगों की ज़िंदगियां जा रही हैं।
GOI doesn’t get it.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 4, 2021
The only way to stop the spread of Corona now is a full lockdown- with the protection of NYAY for the vulnerable sections.
GOI’s inaction is killing many innocent people.
पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने पर न्याय योजना को लागू करने का वादा किया था। जिसके साथ हर गरीब के खाते में प्रति माह 6 हज़ार रुपए की आर्थिक मदद देने का वादा किया था। खुद राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी लगातार मोदी सरकार से इस गंभीर संकट के दौर में गरीबों के खाते में आर्थिक सहायता पहुंचाने की मांग कर रहे हैं।