नई दिल्ली। एलोपैथी को लेकर दिए विवादित बयान के बाद बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। रामदेव को आईएमए उत्तराखंड ने नोटिस थमा दिया है। जिसमें आईएमए ने रामदेव को लिखित में माफी मांगने के लिए कहा है। इसके साथ ही आईएमए ने रामदेव को अपने बयान पर खेद प्रकट करते हुए एक वीडियो भी जारी करने के लिए कहा है। आईएमए ने इसके लिए रामदेव को 15 दिन की मोहलत दी है।

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आईएमए ने रामदेव को भेजे नोटिस में कहा है कि वे लगातार अपने बयानों से डॉक्टरों का अपमान कर रहे हैं। आईएमए ने कहा है कि अगर रामदेव अपने बयानों को लेकर माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ महामारी एक्ट के तहत आईएमए मुकदमा दर्ज कराएगा। आईएमए ने रामदेव को चेतवानी देते हुए कहा है कि अगर निर्धारित समय सीमा के भीतर रामदेव ने माफी नहीं मांगी, तो आईएमए उनके खिलाफ एक हजार करोड़ की मानहानि का दावा ठोकेगा। 

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आईएमए ने रामदेव को यह भी कहा है कि आईएमए उनके हर प्रश्न का जवाब देने के लिए राज़ी है लेकिन पहले रामदेव अपनी योग्यता के बारे में बताएं। आईएमए ने रामदेव से यह भी पूछा है कि आखिर रामदेव ने कौन से अस्पताल में अपनी दवा का ट्रायल किया है, उन अस्पतालों के नाम भी रामदेव बताएं। आईएमए ने कहा है कि रामदेव एलोपैथी का ए तक नहीं जानते, और केवल अपना व्यापार चमकाने के लिए लगातार बेतुके बयान दे रहे हैं। 

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इससे पहले आईएमए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करने के संबंध में पत्र लिख चुका है। जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री रामदेव से अपने बयान को लेकर माफी मांगने को भी कह चुके हैं। हालांकि रामदेव ने स्वास्थ्य मंत्री से कहा था कि उनके बयान का जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया उसमें वे वॉट्सएप पर आया मेसेज पढ़ रहे थे। लेकिन दूसरी तरफ रामदेव की अनर्गल बयानबाज़ी रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। सोशल मीडिया पर रामदेव का एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें रामदेव का कहना है कि एलोपैथी चिकित्सा पद्धति के कारण हजारों एलोपैथी डॉक्टरों की जान चली गई। रामदेव की लगातार विवादित और बेतुकी बयानबाज़ी को देखते हुए आईएमए अब रामदेव को ज़रा भी बख्शने के मूड में नहीं है।