बाबा रामदेव के अवैज्ञानिक बयानों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करे सरकार, IMA ने स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को लिखा पत्र

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आईएमए ने कहा कि एक तरफ जहां हजारों डॉक्टर देश की जनता को महामारी से उबारने में जुटे हुए हैं, अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, बाबा रामदेव अपने व्यापार को चमकाने के लिए बेतुके बयान दे रहे हैं, IMA ने लोगों को भ्रमित करने के लिए बाबा रामदेव के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की है

Updated: May 22, 2021, 11:54 AM IST

Photo Courtesy: Freepress Journal
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नई दिल्ली। एलोपैथी की दवाईयों को लेकर दिए गए विवादित बयान में बाद अब बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बाबा रामदेव के खिलाफ स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखा है। आईएमए ने स्वास्थ्य मंत्री से रामदेव के खिलाफ जल्द कार्रवाई करने की मांग की है। आईएमए ने कहा है कि अगर स्वास्थ्य मंत्री रामदेव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते हैं तो मेडिकल एसोसिएशन खुद रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करेगा। 

आईएमए ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि संकट की इस घड़ी में लोगों की जान बचाते बचाते देश भर में 1200 डॉक्टरों ने अपना बलिदान दे दिया। एक कमज़ोर स्वास्थ्य ढांचा होने के बावजूद भारतीय डॉक्टर दिन रात एक कर ज़िंदगियों को बचाने में जुटे हुए हैं। तमाम सुविधाओं का अभाव होने के बावजूद यह डॉक्टरों के परिश्रम का ही नतीजा है कि भारत ने अब तक मृत्यु दर को एक प्रतिशत पर रोका हुआ है। लेकिन युद्ध स्तर पर किए जा रहे प्रयासों को केवल अपने व्यापारिक फायदे के लिए एक व्यक्ति कीचड़ उछाल रहा है। 

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आईएमए ने रामदेव के बयान का ज़िक्र करते हुए कहा है कि इस तरह के मूर्खतापूर्ण बयान एक शिक्षित समाज के लिए खतरे की घंटी है। आईएमए ने रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण का ज़िक्र करते हुए कहा है कि ये लोग सार्वजनिक तौर पर एलोपैथी का तो अपमान कर देते हैं लेकिन जब खुद बीमार पड़ते हैं, तो इलाज के लिए आधुनिक उपचार का ही सहारा लेते हैं। आईएमए ने स्वास्थ्य मंत्री को रामदेव के पहले के बयानों की भी याद दिलाते हुए कहा है कि इस व्यक्ति ने खुद स्वास्थ्य मंत्री की मौजूदगी में मेडिकल डॉक्टरों को हत्यारा बता चुका है। 

आईएमए ने रामदेव पर आरोप लगाते हुए कहा है कि रामदेव ऐसी बयानबाज़ी जानबूजकर कर रहे हैं ताकि वे अपनी अवैध और अप्रमाणित दवाइयों को बाज़ार में बेच सकें। आईएमए ने कहा है कि रामदेव अपनी बेतुकी बयानबाज़ी से लगातार लाखों लोगों की ज़िंदगियों को खतरे में डालने का काम कर रहे हैं। इसलिए रामदेव के खिलाफ महामारी एक्ट की धारा 188 के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। मेडिकल एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री को कहा है कि चूंकि वे खुद भी पेशे से एक डॉक्टर हैं, लिहाज़ा वे भी रामदेव के बयान से इत्तेफाक नहीं रखते होंगे। आईएमए ने स्वास्थ्य मंत्री को यह बात भी स्पष्ट तौर पर कह दी है कि अगर स्वास्थ्य मंत्री रामदेव पर जल्द ही कोई एक्शन नहीं लेते हैं, तो खुद एसोसिएशन रामदेव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा। 

दरअसल इस समय सोशल मीडिया पर बाबा रामदेव का एक बयान जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें रामदेव यह कहते हुए नज़र आ रहे हैं कि लाखों लोगों की मौत एलोपैथी की दवाईयों के कारण हुई हैं। रामदेव ने अपने वीडियो में कहा है कि कोरोना के इलाज के लिए उपयोग में लाई जाने वाली दवाइयों के कारण ही लाखों मरीज़ की मौत हुई है, और ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों की मौत नहीं हुई है। इतना ही नहीं रामदेव ने एलोपैथिक दवाइयों के इस्तेमाल को स्टुपिड करार दिया है। रामदेव का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से ही रामदेव की आलोचना शुरू हो गई है। यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने रामदेव की गिरफ्तारी की मांग की है।