महात्मा गांधी की विरासत खतरे में है, हम पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे, CWC के नाम सोनिया गांधी का संदेश
मौजूदा सरकार में महात्मा गांधी की विरासत को खतरा है. ये संगठन कभी आजादी के लिए नहीं लड़े, बल्कि महात्मा गांधी का पुरजोर विरोध किया: सोनिया गांधी
नई दिल्ली। कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस पार्टी की दो दिवसीय अधिवेशन (नव सत्याग्रह) का आज पहला दिन था। यह अधिवेशन 1924 में हुए कांग्रेस के 39वें अधिवेशन के 100 साल पूरे होने के मौके पर रखा गया है। सन 1924 में भी 26 और 27 दिसंबर को बेलगावी में कांग्रेस का दो दिवसीय अधिवेशन हुआ था। सोनिया गांधी स्वास्थ्य कारणों से इस बैठक में अनुपस्थित रहीं। हालांकि, उन्होंने CWC के नाम अपने संदेश में भाजपा और RSS पर जमकर हमला बोला।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी को संबोधित अपने संदेश में सोनिया गांधी ने लिखा, 'मुझे खेद है कि मैं इस ऐतिहासिक अवसर पर आप सभी के साथ उपस्थित नहीं हो पा रही हूं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 39वां अधिवेशन ठीक सौ वर्ष पहले इसी स्थान पर आयोजित किया गया था। इसलिए यह उचित ही है कि आप सभी महात्मा गांधी नगर में एकत्रित हों। महात्मा गांधी का यहां कांग्रेस अध्यक्ष बनना हमारी पार्टी और स्वतंत्रता आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था। यह हमारे देश के इतिहास में एक परिवर्तनकारी मील का पत्थर था।'
सोनिया गांधी ने संदेश में आगे कहा कि आज, हम महात्मा गांधी की विरासत को संरक्षित, सुरक्षित और बढ़ावा देने के लिए खुद को फिर से समर्पित करते हैं। वे हमारी प्रेरणा के मूल स्रोत रहे हैं और रहेंगे। उन्होंने ही उस पीढ़ी के हमारे सभी उल्लेखनीय नेताओं को गढ़ा और उनका मार्गदर्शन किया। उनकी विरासत को नई दिल्ली में सत्ता में बैठे लोगों और उन्हें पोषित करने वाली विचारधाराओं और संस्थानों से खतरा है। इन संगठनों ने कभी हमारी स्वतंत्रता के लिए लड़ाई नहीं लड़ी। उन्होंने महात्मा गांधी का कटु विरोध किया। उन्होंने एक खराब वातावरण बनाया जिसके कारण उनकी हत्या कर दी गई। वे उनके हत्यारों का महिमामंडन करते हैं।
सोनिया गांधी ने आगे लिखा कि देश भर में विभिन्न स्थानों पर गांधीवादी संस्थाओं पर हमले हो रहे हैं। इसलिए यह भी उचित है कि इस बैठक को नव सत्याग्रह बैठक कहा जाए। अब हमारा यह पवित्र कर्तव्य है कि हम इन ताकतों का सामना अपनी पूरी ताकत और दृढ़ निश्चय के साथ करने के अपने संकल्प को नवीनीकृत करें।
उन्होंने कहा कि मित्रों, मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे संगठन को और मजबूत बनाने का मुद्दा भी आज उठेगा ताकि हम चुनौतियों का सामना कर सकें। हमारे संगठन का इतिहास इतना गौरवशाली है कि इसने बार-बार अपने लचीलापन का परिचय दिया है। आइए हम व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से इस बैठक से आगे बढ़ें और अपने संकल्प में दृढ़ रहें कि हम अपनी पार्टी के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना तत्परता और उद्देश्य की नई भावना के साथ करेंगे। मैं और आप सभी को 2025 और उसके बाद के लिए शुभकामनाएं देती हूं।
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बता दें कि कर्नाटक के बेलगावी में आयोजित कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) की बैठक में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी नहीं पहुंचीं। वो स्वास्थ्य कारणों से सीडब्ल्यूसी बैठक में शामिल नहीं हो सकीं। वहीं प्रियंका गांधी भी नई दिल्ली में उनकी देखभाल कर रही हैं, इसलिए वह भी कार्यसमिति की बैठक में शामिल नहीं हो सकीं।