गांधीनगर। नए मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाए जाने के बाद गुजरात के पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल का दर्द छलक पड़ा है। नितिन पटेल ने कैबिनेट से बेदखल किए जाने के फैसले पर एक हिंदी न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा कि ऐसा देश के इतिहास में पहली बार हुआ है, जब सिर्फ सीएम ही नहीं राज्य के जितने भी मंत्री हैं सबको एक साथ बदल दिया गया हो। हालांकि नितिन पटेल ने कहा कि उनके मन में किसी के भी प्रति नाराज़गी का भाव नहीं है।  

मंत्रिमंडल के शपथग्रहण के बाद जब नितिन पटेल से पार्टी आलाकमान के फैसले पर प्रतिक्रिया मांगी गई तब पटेल ने कहा कि भारत में किसी राज्य में ऐसा पहली बार हुआ है जब सीएम समेत सभी मंत्रियों को एक साथ बदला गया है। लेकिन बीजेपी नेता ने कहा कि उन्हें पार्टी के नेतृत्व के इस फैसले से कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने नाराज़गी के अटकलों को अफवाह करार देते हुए कहा कि यह सब मीडिया काम है, किसे सीएम बनाना है क्या बनाना है यह मीडिया ही तय करता है। 

नितिन पटेल ने खुद की उपमुख्यमंत्री की कुर्सी जाने को लेकर कहा कि मैं अब भी मेसाणा से विधायक हूं। संगठन की भी कई समीतियों का मैं हिस्सा हूं। नितिन पटेल ने सार्वजनिक तौर पर पार्टी नेतृत्व का बचाव करते हुए कहा कि अगर पार्टी नेतृत्व ने कोई फैसला लिया है तो सोच समझ कर ही लिया होगा।  

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गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के इस्तीफे के बाद नितिन पटेल ही सीएम पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। लेकिन बीजेपी ने पहली बार के विधायक भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बना दिया। कारवां सिर्फ यहीं नहीं रुका, जल्द ही बीजेपी ने विजय रुपाणी के पूरे मंत्रिमंडल को बदल डालने का फैसला किया। मंत्रिमंडल बदले जाने की आशंका के बीच विजय रुपाणी और खुद नितिन पटेल ने नाराज़गी भरे तेवर ज़रुर दिखाए, लेकिन पार्टी हाईकमान की सहमति होने के कारण नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल नई कैबिनेट बनाने में सफल हो गए।  

भूपेंद्र पटेल की कैबिनेट में दस कैबिनेट और 14 राज्य मंत्री बनाए गए हैं।  सबसे ज़्यादा पटेल समाज के 7 मंत्री बनाए गए हैं। जबकि 6 ओबीसी मंत्रियों को कैबिनेट में जगह दी गई है। एससी के दो और एसटी के तीन मंत्री बनाए गए हैं। जबकि केवल दो महिलाओं को कैबिनेट में जगह दी गई है।