गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के गृह नगर गोरखपुर के रेलवे अस्पताल का पब्लिक टॉयलेट प्रदेश की सियासत का केंद्र बन गया। दरअसल इस पब्लिक टॉयलेट की दीवारों पर लाल और हरे रंग के टाइल्स लगाए गए, जो समाजवादी पार्टी के झंडे के रंग से मेल खाते हैं। टॉयलेट के टाइल्स का रंग देखने के बाद समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया।



समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि टॉयलेट के टाइल्स का ऐसा रंग जानबूझकर द्वेष की भावना से रखा गया। समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से इसकी तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, 'दूषित सोच रखने वाले सत्ताधीशों द्वारा राजनीतिक द्वेष के चलते गोरखपुर रेलवे अस्पताल में शौचालय की दीवारों को सपा के रंग में रंगना लोकतंत्र को कलंकित करने वाली शर्मनाक घटना। एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी के ध्वज के रंगो का अपमान घोर निंदनीय। संज्ञान ले हो कार्रवाई, तत्काल बदला जाए रंग।'



समाजवादी पार्टी के इस ट्वीट का जवाब नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे ने भी ट्वीट से ही दिया। रेलवे ने ट्वीट के जरिये सफाई देते हुए कहा, 'स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत गोरखपुर रेलवे हॉस्पिटल के टॉयलेट में लगे यह टाइल्स वर्षो पुराने हैं। इन टाइल्स को लगाने का उद्देश्य बेहतर साफ सफाई सुनिश्चित करना है। इसका किसी भी राजनीतिक दल से कोई सम्बन्ध नहीं है। आइए साथ मिलकर स्वच्छ भारत मिशन में सहयोग करें।





लेकिन समाजवादी पार्टी को इस सफाई से संतोष नहीं हुआ। पार्टी के प्रवक्ता सुनील साजन ने आरोप लगाया कि यह भारतीय जनता पार्टी की दूषित मानसिकता को दर्शाता है। इसकी जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है।'



विरोध के बाद उजले रंग से की पुताई



टॉयलेट के रंग को लेकर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया से लेकर प्रदेश भर में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। गोरखपुर की जिला इकाई ने भी रेलवे, बीजेपी और मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए इसे तुरंत हटाने की मांग की। विरोध को बढ़ता देख आखिरकार प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा। बताया जा रहा है कि प्रशासन ने फिलहाल टाइल्स के ऊपर ही सफेद रंग से पोत दिया है।





बता दें कि गोरखपुर में ललित नारायण मिश्र रेलवे हॉस्पिटल है, जिसका संचालन रेलवे द्वारा किया जाता है। इसमें रेलवे कर्मचारियों और उनके परिजनों का इलाज किया जाता है।