ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में जारी रहेगी पूजा, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की मुस्लिम पक्ष की आपत्ति

वाराणसी के ज्ञानवापी तहखाने (व्यास तहखाना) में हिंदुओं के पूजा-पाठ पर रोक लगाने से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार 26 फरवरी को इनकार कर दिया।

Updated: Feb 26, 2024, 12:49 PM IST

वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा जारी रहेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूजा की अनुमति पर रोक संबंधी मुस्लिम पक्ष की याचिकाएं खारिज कर दी है। तहखाने में हिंदुओं के पूजा-पाठ पर रोक लगाने से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार 26 फरवरी को इनकार कर दिया।

वाराणसी जिला कोर्ट ने 31 जनवरी को तहखाने में व्यास परिवार को पूजा करने का अधिकार दिया था। इसी दिन रात में तहखाने में पूजा शुरू हुई। हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने दलील दी थी कि तहखाना लंबे समय से हमारे अधिकार क्षेत्र में रहा है। यह ज्ञानवापी का हिस्सा है और उसमें DM समेत प्रशासन ने जल्दबाजी में पूजा शुरू करा दी, जबकि इसके लिए समय था। पूजा तुरंत रोकनी चाहिए।

मामले पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार 1993 से ही व्यास परिवार और श्रद्धालुओं को पूजा करने से रोकती आई है। राज्य सरकार ने लगातार गलत किया है। तहखाने में पूजा-पाठ को रोकना श्रद्धालुओं के हित के खिलाफ होगा।
सरकार ने 1993 में व्यास तहखाने में पूजा-पाठ रोक दिया। सरकार का यह कदम अवैध था।

बता दें कि वाराणसी कोर्ट ने 31 जनवरी को व्यास परिवार को व्यास तहखाने में पूजा का अधिकार दिया था। कोर्ट के आदेश के करीब 8 घंटे बाद, यानी रात 11 बजे ही तहखाने में स्थापित विग्रह (प्रतिमा) की पूजा की गई। 3:30 बजे मंगला आरती हुई। इसके बाद सुबह से बड़ी संख्या में भक्त व्यास तहखाने में दर्शन करने पहुंचे। हालांकि, उन्होंने बैरिकैडिंग से 20 फीट दूर से दर्शन किए। तहखाने में जाने का अधिकार सिर्फ व्यास परिवार को है।