Inspiration : दवा के साथ ज़रूरत का सामान लाने वाली नर्स मुगदली तिर्की

Chattisgarh : सेवा की मिसाल बनी नर्स मुगदली तिर्की, जान जोखिम में डालकर करती हैं ग्रामीणों की मदद

Publish: Jul 17, 2020, 07:42 AM IST

छत्तीसगढ़ के सरगुजा अंचल का सूर गांव, यहां मुगदली तिर्की का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं। मुगदली एक सहायक स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं। वे अब तक कई महिलाओं की डिलेवरी में मदद कर चुकी हैं। इनका परिचय यहीं खत्म नहीं होता। ये नर्सिंग के साथ साथ ग्रामीणों की मदद भी करती हैं ठीक वैसे ही जैसा कोई घर का सदस्य किसी की देखभाल करता है।

सरगुजा के सूर गांव के ग्रामीणों ने बताया कि दुर्गभ और जंगली जानवरों वाले इस क्षेत्र में नर्स मुगदली तिर्की दवा समेत रोजमर्रा का सामान प्रदान करती हैं। मुगदली की सेवा से भाव विभोर ग्रामीणों की आंखों से सहसा ही खुशी से झलक पड़ती हैं।

मुगदली की निस्वार्थ सेवा की तारीफ करते हुए स्थानीय कहते हैं कि उन्हे जो कुछ भी चाहिए होता है, वह उनके बिना मांगे ले आती हैं। मुगदली बच्चों के लिए दलिया और सूजी भी लाती हैं और अगर उन्हें पता चल गया कि गांव में कोई बीमार है तो उनके लिए भी दवाई लेकर पहुंच जाती हैं। मरीजों की तबियत ज़्यादा बिगड़ने पर अस्पताल भी लेकर जाती हैं।

ड्यूटी के अलावा भी करती हैं लोगों की मदद

ANI से हुई बातचीत में मुगदली ने बताया कि वह सप्ताह में दो बार सूर गांव आती हैं। ये गांव एक दूरदराज़ इलाके में है। जहां पहुंचने के लिए उन्हे रास्तों की कठिनाइयों के साथ जंगली जानवरों का भी ख़तरा रहता है। फिर भी उन सबसे निपटते हुए नियमित रूप से गांव आती हैं।

उनका कहना है कि अकेले सफर करना मुश्किल होता है, इसलिए कभी-कभी खराब मौसम में वह अपने साथ कुछ पुरुष साथियों को भी ले आती हैं, ताकि उन्हें गांव पहुंचने में आसानी हो। मुगदली का कहना है कि गांव वालों के बुलाने पर वे सप्ताह में दो बार से ज़्यादा बार भी गांव आती हैं। 

सरगुजा कलेक्टर ने की मुगदली की तारीफ

सरगुजा कलेक्टर एसके झा ने भी मुगदली की सेवा की सराहना की है उन्होने कहा है कि ‘स्वास्थ्य कार्यकर्ता मुगदली सभी कठिनाइयों से गुजरती हैं और समय पर अपनी सेवा प्रदान करती हैं। हेल्थ केयर विभाग को उनके जैसे स्वास्थ्य कर्मचारियों पर गर्व है’।

मुगदली के सेवाभाव ने ग्रामीणों का दिल जीत लिया है। वे लंबे समय से यहां के लोगों की सेवा कर रही हैं। कोरोना काल में लॉकडाउन के वक्त भी वह नियम से गांव पहुंचती रही हैं।

कहा जाता है कि जहां चाह होती है वहां राह निकल ही आती है। रास्ते कितने ही दुश्वार क्यों ना हों, मदद का जज्‍बा हो तो कोई कठिनाई आपका रास्‍ता नहीं रोक सकतीं। इस बात की जीती जागती मिसाल है छत्‍तीसगढ़ की मुगदली तिर्की । ये एक सहायक नर्स हैं। 55 वर्षीय  मुगदली पिछले करीब एक दशक से सरगुजा जिले सूर गांव के ग्रामीणों के लिए बुनियादी सेवाएं उपलब्ध करवा रही हैं।