छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी का हार्ट अटैक से निधन, CM बघेल ने जताया दुःख
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि मनोज सिंह मंडावी आदिवासी समाज की उन्नति और अपने क्षेत्र के विकास के लिए सदैव प्रयासरत रहे। प्रदेश के विकास में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष और सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक मनोज सिंह मंडावी का हार्ट अटैक से निधन हो गया। पार्टी के नेताओं ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंडावी के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।
कांग्रेस की संचार इकाई के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि मंडावी (58) को दिल का दौरा पड़ने के बाद पड़ोसी धमतरी शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां आज सुबह उनका निधन हो गया। कांकेर जिले में भानुप्रतापपुर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक मंडावी शनिवार रात को जिले के चरामा इलाके में अपने पैतृक गांव नथिया नवागांव में थे।
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शुक्ला ने बताया कि उन्होंने बेचैनी होने की शिकायत की थी जिसके बाद उन्हें चरामा में एक अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उनकी जांच की। उन्होंने बताया कि इसके बाद मंडावी को धमतरी शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका निधन हो गया। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता मनोज सिंह मंडावी हार्ट से संबंधित परेशानियों से जूझ रहे थे. इसके इलाज के लिए चेन्नई जाने वाले थे, लेकिन जाने से पहले ही उनकी तबियत बिगड़ गई।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष, वरिष्ठ आदिवासी नेता, भानुप्रतापपुर विधायक श्री मनोज सिंह मंडावी जी के आकस्मिक निधन का समाचार हम सब के लिए बेहद दुखद है।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) October 16, 2022
ईश्वर उनके परिवारजनों को यह आघात सहने की शक्ति दे. दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूँ। ॐ शांति:
मंडावी के आकस्मिक निधन पर सीएम बघेल ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा है कि मंडावी वरिष्ठ आदिवासी नेता थे। वे आदिवासियों की समस्याओं को विधानसभा में प्रभावशाली ढंग से रखते थे। मनोज सिंह मंडावी आदिवासी समाज की उन्नति और अपने क्षेत्र के विकास के लिए सदैव प्रयासरत रहे। प्रदेश के विकास में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।
बता दें कि मंडावी तीन बार विधायक रहे और बस्तर क्षेत्र में पार्टी का अहम आदिवासी चेहरा रहे। साल 2000 से 2003 के बीच राज्य में अजीत जोगी की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के दौरान वे गृह एवं कारागार मंत्री थे।