खरगोन: कपास किसानों का बुरा हाल, 2 पैकेट बीज के लिए तपती धूप में घंटों खड़े रहने को मजबूर
खरगोन में कपास के बीज के वितरण के लिए बनाई गई टोकन व्यवस्था किसानों के लिये बनी मुसीबत, दो पैकेज बीज के लिए चिलचिलाती गर्मी खड़े रहने को मजबूर, दिग्विजय सिंह ने वीडियो ट्वीट कर उठाया मुद्दा
खरगोन। उच्च गुणवत्ता के कपास उत्पादन के लिए देश में विख्यात खरगोन जिले में बीज के लिए किसानों को घंटो मशक्कत करना पड़ रही है। कपास बीज वितरण के लिए बनाई गई टोकन व्यवस्था किसानों के लिए परेशानी का कारण बन गई है। बीज पाने के लिए लगातार तीसरे दिन किसानों को 42 डिग्री से अधिक तापमान में घंटों लाइन में लगने को मजबूर होना पड़ा।
दरअसल, किसान खेत में बीटी काॅटन राशि 659 व नुजिवुड आशा की बुआई करना चाहते हैं, जिसकी बाजार में किल्लत बताई जा रही है। विशेष बीज की बढ़ती मांग को देखते हुए कालाबाजारी की शिकायतें भी सामने आ रही हैं। इधर कृषि विभाग ने किसानों को बीज उपलब्ध कराने के लिए कृषि उपज मंडी में टोकन व्यवस्था शुरू की है। ऐसे में सैकड़ों किसान सुबह 9 बजे से तपती तीखी धूप में खड़े रहने को मजबूर हैं और आखिरी में उन्हें महज दो पैकेट बीज दिए जा रहे हैं।
इसे लेकर किसानों में काफी आक्रोश भी है। लेकिन वे खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। आखिर बीज के लिए वे भी सरकार पर निर्भर हैं। गुरूवार को तो नाराज़ किसानों ने चक्का जाम तक कर दिया।।इसके बाद प्रशासन की नींद खुली अब शुक्रवार को पुलिस के कड़े बंदोबस्त के बीच बीज बांटे जा रहे हैं। बीज टोकन पाने के लिए बड़ी संख्या में पुरुषों के साथ महिलाएं भी कतार में लग रही हैं। प्रशासन ने महिलाओं और पुरुषों की अलग लाइन लगाई है। लेकिन वो लाइन भी इतनी लंबी है कि किसी की भी तबीयत खराब हो जाए।
माननीय मुख्य मंत्री जी @CMMadhyaPradesh कृपया देखें। @INCMP https://t.co/tCRXWKzkkj
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) May 17, 2024
इससे पहले गुरुवार को खरगोन में नाराज़ किसानों ने भुसावल-चित्तौड़गढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्काजाम कर दिया था। इससे दो घंटे से अधिक वक्त तक गाड़ियों के पहिए थम गए थे। बावजूद उनकी समस्याओं का हल नहीं निकल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चुनाव ने व्यस्त सीएम मोहन यादव का इस ओर ध्यानाकर्षण की कोशिश की है। उन्होंने सीएम यादव को टैग कर ट्विटर पर लिखा है कि कृप्या ध्यान दें। बहरहाल, अब देखना होगा कि किसानों को इस चिलचिलाती गर्मी में इस लंबी लाइन से छुटकारा कब मिलता है।