सर्दी-खांसी और जुकाम से हैं अगर परेशान, तो अपनाएं ये घेरेलू नुस्खे

जुकाम या फ्लू वैसे वायरस से होता है, जो श्वासनली को प्रभावित करते हैं।लेकिन जुकाम में दवाईयां लेने से बेहतर है कि घर में रखी घरेलू चीज़ों से देसी इलाज करें क्योंकि ये शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती हैं।

Updated: Dec 22, 2023, 11:14 AM IST

मौसम बदला नहीं कि सबसे पहले सर्दी, ज़ुकाम और खांसी की आवाज़ सभी घरों से आनी लगती है। जुकाम को नजला या कोल्ड एंड काफ भी कहते हैं। यह श्वसन तंत्र का संक्रमण के कारण होने वाला रोग है। ये छूत की तेजी से फैलनेवाली बीमारी है, जो बीमार व्यक्ति के खांसने या छींकने से आसानी से फैलती है। जुकाम या फ्लू वैसे वायरस से होता है, जो श्वासनली को प्रभावित करते हैं।लेकिन जुकाम में दवाईयां लेने से बेहतर है कि घर में रखी घरेलू चीज़ों से देसी इलाज करें क्योंकि ये शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती हैं। खांसी बैक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन, ऐलर्जी, साइनस इन्फेक्शन या ठंड के कारण हो सकती है लेकिन हमारे देश में हर परेशानी के लिए लोग डॉक्टरों के पास नहीं जाते। हमारी ही किचन में कई ऐसे घरेलु नुस्खे छिपे होते हैं। जिनसे खांसी-जुकाम जैसी छोटी-मोटी बीमारियां फुर्र हो जाती हैं। तो आइए जानते हैं कुछ देसी उपाय जुकाम से निपटने के तरीके। 

हल्दी दूध

एक गिलास गर्म दूध में दो चम्मच हल्दी पाउडर डालकर पिएं। इससे बंद नाक और गले की खराश में आराम मिलता है। नाक से पानी बहना बंद हो जाता है।

तुलसी का सेवन

जुकाम में तुलसी अमृत के समान होती है। खांसी और जुकाम होने पर 8 से 10 पत्तियों को पीसकर पानी में डालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को पिएं। छोटे बच्चों में जुकाम होने पर अदरक और तुलसी के रस की 6-7 बूंदों को शहद में मिलाकर चटाएं। यह बंद नाक को खोलने और बहती नाक को रोकने दोनों में सहायक है। कोरोना काल में हम सभी ने भरपूर इसका सेवन किया और लाभ भी पाए।

मेथी और अलसी

मेथी और अलसी को 4-5 ग्राम की मात्रा में लेकर एक गिलास पानी में उबालें। जब अच्छी तरह उबल जाए, तब इसकी 4-4 बूंदें दोनों नाक में डालें। इससे जुकाम में आराम मिलता है।

हल्दी और अजवायन

10 ग्राम हल्दी और 10 ग्राम अजवायन को एक कप पानी में डालकर पकाएं। जब पानी आधा रह जाए, तब इसमें थोड़ा-सा गुड़ मिलाकर पिएं। इससे जुकाम में तुरंत आराम मिलता है, और नाक से पानी बहना कम हो जाता है।

काली मिर्च

काली मिर्च के चूर्ण को शहद के साथ चाटने से जुकाम से आराम मिलता है, और नाक से पानी बहना कम होता है साथ ही आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण और एक चम्मच मिश्री मिलाकर एक गिलास गर्म दूध के साथ दिन में दो बार पिएं।

सरसों का तेल

सोते समय दोनों नाक के दोनों छिद्र में 2-2 बूंदे बादाम रोगन या सरसों के तेल की डालकर सोएं। इससे नाक का किसी भी प्रकार का रोग नहीं होता।

अदरक

कफयुक्त खांसी में दूध में अदरक उबालकर पिएं। अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटने से भी जुकाम में आराम मिलता है। 1-2 अदरक के छोटे-टुकड़े, 2 काली मिर्च, 4 लौंग और 5-7 तुलसी की ताजी पत्तियां पीसकर एक गिलास पानी में उबालें। जब यह उबलकर आधा गिलास रह जाए, तब इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं। अदरक के छोटे-छोटे टुकड़ों को देसी घी में भूनकर दिन में 3-4 बार पीसकर खाएं। इससे नाक से पानी बहने की समस्या से आराम मिलता है।

लहसुन

लहसुन में पाया जाने वाला एलिसिन नामक रसायन एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-फंगल होता है। यह सर्दी-जुकाम के संक्रमण को दूर करता है। इसके लिए 6-8 लहसुन की कलियों को घी में भूनकर खाएं।

गाय का घी

गाय के शुद्ध देसी घी को पिघलाकर दो बूंद सुबह नाक में डालें। ऐसा नियमित रूप से तीन महीने तक करें। इससे पुराना से पुराना जुकाम भी ठीक हो जाता है।

मुनक्का 

8- 10 मुनक्कों को पानी में डालकर उबालें। जब पानी आधा रह जाए तब मुनक्कों को निकालकर खाएं और पानी को पी लें। इससे बहती नाक की समस्या से आराम मिलता है।