अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्वीकारा है कि उन्होंने देश के सामने कोरोना वायरस के खतरे को कम करके पेश किया। जल्द ही आ रही एक किताब में खुलासा होने के बाद ट्रंप ने एक मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू में यह बात मानी है। यह किताब वरिष्ठ पत्रकार बॉब वुडवर्ड ने लिखी है, जिसके कुछ अंश वाशिंगटन पोस्ट और सीएनएन ने प्रकाशित किए हैं।

प्रकाशित अंशों से पता चलता है कि ट्रंप ने जानबूझकर कोरोना वायरस के खतरे को कम करके पेश किया, जबकि वह यह जानते थे कि वायरस कितना घातक है। फॉक्स न्यूज को दिए गए इंटरव्यू में ट्रंप ने अपने इस कदम का यह कहते हुए बचाव किया कि वो देश में भय नहीं फैलने देना चाहते थे। ट्रंप ने खुद को देश का उत्साह बढ़ाने वाला नेता बताया।

Click: Donald Trump राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नोबल शांति पुरस्कार के लिए नामित

ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उनके नेतृत्व में कोरोना से कम लोग मरे हैं। उन्होंने कहा कि अगर दूसरे देशों से तुलना की जाए तो हमने बेहतरीन काम किया है। हमने मौतों की संख्या पर नियंत्रण पाया। खासकर जितना बड़ा यह देश है, उस हिसाब से हम बेहतरीन स्थिति में हैं।

हालांकि, आंकडों की अगर बात करें तो ट्रंप का यह दावा झूठा नजर आता है। अमेरिका में कोरोना वायरस से अब तक 1 लाख 90 हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। कोरोना से दुनिया में हुई कुल मौतों का पांचवा हिस्सा अमेरिका में है। प्रत्येक एक लाख आबादी पर अमेरिका में मृत्यु दर लगभग 58 फीसदी है। 1,700 अमेरिकियों में एक अमेरिकी मर रहा है।