दिग्विजय सिंह के कूटरचित वीडियो मामले में बढ़ीं बीजेपी प्रवक्ता की मुश्किलें, प्रदेश के अधिकतर ज़िलों में हुई शिकायत

डिंडौरी के विक्रमपुर ब्लॉक कमेटी के अध्यक्ष अमित गुप्ता ने कांग्रेस नेताओं के साथ सौंपा थाना प्रभारी को ज्ञापन, हितेश वाजपई और पंजाब केसरी पर कार्रवाई करने की मांग

Updated: Feb 04, 2023, 06:05 AM IST

भोपाल। दुष्प्रचार फैलाने की मंशा से कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का कूटरचित वीडियो फैलाना बीजेपी के बड़बोले प्रवक्ता हितेश वाजपई को महंगा पड़ गया है। कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। अब डिंडौरी में भी बीजेपी नेता के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करा दी गई है। प्रदेश के अधिकतर ज़िलों में कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी प्रवक्ता के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है।

डिंडौरी के विक्रमपुर में ब्लॉक कमेटी के अध्यक्ष अमित गुप्ता सहित कांग्रेस के कई नेताओं ने थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंप दिया है। थाना प्रभारी को सौंपे ज्ञापन में उन्होंने भाजपा प्रवक्ता और पंजाब केसरी के विरुद्ध 295, 420 सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। 

हितेश वाजपई और पंजाब केसरी द्वारा द्वारा अपलोड किए गए एडिटेड वीडियो लिंक के साथ साथ कांग्रेस नेताओं ने थाना प्रभारी को दिग्विजय सिंह के बयान का ओरिजिनल वीडियो की डीवीडी उपलब्ध कराने के साथ साथ सावरकर के गाय पर दिए गए उनके बयान का रिफ्रेंस भी दिया है। 

कांग्रेस नेता ने अपने ज्ञापन में हितेश वाजपई की मंशा पर सवाल उठाते हुए इस बात का उल्लेख किया है कि भाजपा प्रवक्ता ने दिग्विजय सिंह के विरुद्ध भड़काने की भावना से ख़ुद तो एडिटेड वीडियो अपलोड किया है साथ ही अन्य लोगों से भी वीडियो को ट्वीट व रीट्वीट करवाए। इसका मूल उद्देश्य विभिन्न वर्ग के लोगों के बीच घृणा, नफरत, द्वेष फैलाने के साथ साथ कांग्रेस नेताओं को हिंदू विरोधी बताने का षड्यंत्र रचना था। 

दरअसल हाल ही में बीजेपी प्रवक्ता ने हाल ही में दिग्विजय सिंह का एक एडिटेड वीडियो गलत संदर्भ में अपलोड किया था। वास्तविकता में, कांग्रेस नेता यह वीडियो दिसंबर 2021 का था जब उन्होंने जनजागरण यात्रा के दौरान नर्मदा भवन में बीजेपी के पोस्टर बॉय विनायक दामोदर सावरकर के गाय पर रखे उनके विचार के बारे में बताया था। कांग्रेस नेता ने ख़ुद सावरकर की किताब सावरकर समग्र के एक हिस्से को कोट करते हुए बताया था कि सावरकर का मानना था कि गाय पूजनीय नहीं है बल्कि एक उपयोगी पशु है क्योंकि वह मल में लोटने वाली जानवर है और गौमांस का सेवन करने में भी कोई समस्या नहीं है।

दिग्विजय सिंह के बयान पंद्रह महीने बाद बीजेपी प्रवक्ता ने दिग्विजय सिंह के बयान से सावरकर का संदर्भ हटा कर वीडियो को अपलोड कर दिया। इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का एक प्रतिनिधिमंडल राजधानी भोपाल में साइबर थाने में भी शिकायत दर्ज करवा चुका है। भोपाल और डिंडौरी के अलावा इस मामले में कांग्रेस पार्टी इंदौर, सीहोर, जोबट, अशोकनगर और गुना में भी शिकायत दर्ज करवा चुकी है। 

बीजेपी सावरकर को अपना आदर्श मानती है। स्वतंत्रता के आंदोलन में बीजेपी के पास अपना कोई राजनीतिक पूर्वज नहीं मिलता जिसे वे आजादी का नायक बता सकें। लिहाज़ा बीजेपी हिंदू महासभा से जुड़े विनायक दामोदर सावरकर को अपना नायक बताती है। हालांकि खुद स्वतंत्रता आंदोलन में सावरकर का किरदार काफ़ी संदिग्ध माना जाता है। 

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सावरकर पर अंग्रेजों के एजेंट होने के आरोप लगते रहे हैं। अंग्रजों से माफी मांगने के साथ साथ रहम के बदले अंग्रेजों की सहायता करने का आश्वासन पहले से ही सार्वजनिक मंचों पर उपलब्ध है। यह बेहद दिलचस्प है कि द्विराष्ट्र का समर्थन करने वाले सावरकर ख़ुद 1990 से पहले राजनीतिक तौर पर बीजेपी के लिए अछूत हुआ करते थे। लेकिन बाबरी विध्वंस के समय हिंदू ध्रुवीकरण के रथ पर निकली बीजेपी के लिए पोस्टर बॉय बन गए।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बीजेपी के इसी दोहरेपन और सावरकर की सोच को सार्वजनिक तौर पर उजागर किया था लेकिन इससे खलबलाई बीजेपी ने इस वीडियो का उपयोग इस घटना के पंद्रह महीनों बाद उपयोग तब किया जब दिग्विजय सिंह का वह बयान अधिकतर लोगों के स्मृति से गायब हो चुका था।