Bhopal: गांधी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर बाहरी लोगों की नियुक्ति से खफा

गांधी मेडिकल कॉलेज की डीन के खिलाफ निंदा प्रस्ताव जारी कर चुका है एमपी मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन, कॉलेज में नियम विरुद्ध नियुक्ति का लगाया आरोप

Updated: Dec 16, 2020, 02:46 AM IST

Photo Courtesy : Collegedekho.com
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भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में काम करने वाले डॉक्टर इन दिनों संस्थान से काफी खफा चल रहे हैं। गांधी मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर की जा रही नियुक्तियों को लेकर संस्थान में काम करने वाले डॉक्टरों के भीतर नाराज़गी है। दरअसल संस्थान में पहले से काम कर रहे डॉक्टरों का आरोप है कि कॉलेज की डीन द्वारा अस्सिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर बाहरी उम्मीदवारों को नियुक्ति दी जा रही है, जबकि मेडिकल कॉलेज में पहले से ही काम करने वाले डॉक्टर असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए योग्य उम्मीदवार के रूप में मौजूद हैं।  

मध्य प्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन और संस्थान में कार्यरत डोक्टरों का आरोप है कि गांधी मेडिकल कॉलेज में नियमों के विरुद्ध बाहरी लोगों की नियुक्ति की जा रही है। संगठन के जनरल सेक्रेटरी डॉ. राकेश मालवीय ने स्थानीय मीडिया को बताया कि नियमों के हिसाब से डीन को पहले संस्था में कार्यरत पात्र डॉक्टरों की नियुक्तियां संबंधित डिपार्टमेंट में असिस्टेंट ऑफिसर के पद पर करनी चाहिए। बावजूद इसके अगर पद खाली रहता है और योग्य उम्मीदवार नहीं मिलते हैं, ऐसी स्थिति में ही बाहरी डॉक्टरों की नियुक्ति रिक्त पदों पर की जा सकती है। इसका प्रावधान चिकित्सा सेवा संवर्ग के भर्ती नियमों में किया गया है। 

डीन के खिलाफ पारित हुआ निंदा प्रस्ताव 
मेडिकल कॉलेज में नियमों के विरुद्ध की जा रही नियुक्तियों को लेकर कॉलेज की डीन डॉक्टर अरुणा कुमार के खिलाफ मध्य प्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने अपनी एक मीटिंग में निंदा प्रस्ताव भी सोमवार को पारित किया है। संस्थान के डॉक्टर और मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन एक स्वर में कॉलेज में कथित तौर पर नियमों के विरुद्ध हो रही नियुक्तियों को निरस्त करने की मांग लगातार कर रहे हैं।