विरोध के बाद पटवारी भर्ती परीक्षा पर लगी रोक, कमलनाथ बोले- सरकार ने धांधली होना स्वीकार किया

मध्य प्रदेश में पटवारियों के लिए आयोजित की गई भर्ती परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगने के बाद इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई है।

Updated: Jul 14, 2023, 10:27 AM IST

भोपाल। कर्मचारी चयन मंडल द्वारा पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम पर संदेह और एमपी में हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नियुक्तियों पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है। इस पूरे मामले में जांच के भी आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे आदेश जारी होगा। सरकार के इस फैसले पर पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि सरकार ने स्वीकार कर लिया की भर्ती परीक्षा में धांधली हुई है।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस फैसले की जानकारी देते हुए ट्वीट किया, 'कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेन्टर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूँ। सेन्टर के परिणाम का पुनः परीक्षण किया जाएगा।'

राज्य सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा, 'कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम में धांधली के समाचार सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने नियुक्तियां रोकने का फैसला कर, यह स्वीकार कर लिया है कि इन परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली और घोटाला हुआ है। मैं मुख्यमंत्री से स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि कोई भी फैसला ऐसा होना चाहिए जिसमें अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं हो।'

कमलनाथ ने आगे कहा, 'नियुक्तियां रोकना एक बात है और असली दोषियों को पकड़ना दूसरी बात है। व्यापम और नर्सिंग घोटाले में भी सरकार ने इससे मिलती-जुलती कार्यवाही करके मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की थी और सत्ताधारी दल से जुड़े मुख्य साजिशकर्ताओं को बचाया था। मध्य प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि पटवारी भर्ती घोटाला के मुख्य कर्ता-धर्ता कौन हैं और उनका भारतीय जनता पार्टी से क्या संबंध है? और अगर संबंध है तो वह कानून के शिकंजे में कब आएंगे?'

गौरतलब है कि कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह-2, उप समूह-4 एवं भर्ती पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम में एक ही सेंटर के परिणाम पर संदेह व्यक्त करते हुए गंभीर आरोप लगाए जा रहे थे। इस पूरे मामले में कांग्रेस भी सड़क पर उतर गई थी। दूसरी तरफ युवा बेरोजगारों द्वारा भी पूरी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए जा रहे थे। इसी के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा एक्शन लिया है।