भोपाल। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हुए घोटाले के फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अपनी कार्रवाई तेज़ कर दी है। आरोपियों पर राजनीतिक दबाव में कार्रवाई ना करने के लगातार आरोप लगने के बाद पुलिस ने अब उन्हें पकड़ने के लिए तीन अलग अलग टीमें बनाई हैं। इसके साथ ही आरोपियों के ऊपर इनामी राशि भी बढ़ा दी है। 

पहले आरोपियों की सूचना देने पर तीन हजार रुपए के इनाम की घोषणा की गई थी। लेकिन अब पुलिस ने इस इनामी राशि को बढ़ाकर तीस हजार रुपए कर दिया है। इसके अलावा पुलिस ने आरोपियों के परिजनों से पूछताछ भी शुरू कर दी है। 

इस मामले में इस समय तीन मुख्य आरोपी फरार हैं। जिसमें विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सुनील कुमार, रजिस्ट्रार आरएस राजपूत और रिटायर्ड फाइनेंशियल कंट्रोलर ऋषिकेश वर्मा शामिल हैं। पुलिस फिलहाल इन आरोपियों के बैंक खाते फ्रीज करवाने की तैयारी कर रही है और इनकी संपत्ति जब्त करने के लिए न्यायालय में आवेदन भी दे दिया है। 

क्या है मामला 

RGPV घोटाला मामले में इन आरोपियों पर आरोप है कि इन्होंने विश्वविद्यालय के खाते से लगभग 16.48 करोड़ रुपए किसी निजी खाते में ट्रांसफर किए हैं। मार्च महीने में यह घोटाला उजागर हुआ था, जिसके बाद से ही इस मामले के आरोपी फरार हैं। 

इस मामले में पुलिस ने दो अन्य लोगों को आरोपी बनाया था और वह दोनों ही इस समय पुलिस की गिरफ्त में हैं। कुमार मयंक नाम व्यक्ति के अलावा पुलिस ने दलित संघ सोहागपुर के सदस्य सुनील रघुवंशी को गिरफ्तार किया है। वहीं एक्सिक्स बैंक के मैनेजर राजकुमार रघुवंशी भी इस समय पुलिस की हिरासत में है।