मोखा के मोबाइल का राज़ नहीं उगलवा पाई एसआईटी, आरोपी लगातार करता रहा मोबाइल के गायब होने का बहाना

मोखा ने एसआईटी को नहीं बताया मोबाइल का राज़, पूछताछ के दौरान लगातार करता रहा मोबाइल गायब होने का दावा, आज समाप्त हो रही है मोखा के रिमांड की अवधि

Updated: May 31, 2021, 05:12 AM IST

जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के मामले में मुख्य आरोपी सरबजीत मोखा से लाख कोशिशों के बावजूद एसआईटी उसके मोबाइल का राज़ नहीं उगलवा पाई। पांच दिन की रिमांड में मोखा लगातार फोन के गायब होने की रट लगाए रहा। आरोपी ने जांच दल को बार बार यही बताया कि उसका फोन आईसीयू से गायब हो गया। जबकि एसआईटी लगातार उससे सच उगलवाने का प्रयास करती रही, लेकिन मोखा ने अपनी ज़ुबान नहीं खोली। 

एसआईटी को इस बात का यकीन था कि मोखा के फोन से इस मामले से जुड़े कई राज़ सामने आ सकते हैं। जिस तरह से मोखा ने फोन के गायब होने का बहाना किया है, उससे जांच दल को यही लग रहा है कि इस पूरे मामले में कोई बड़ा रसूखदार जुड़ा है, जिसे सरबजीत मोखा बचाने की जुगत में है। आज मोखा के रिमांड की अवधि भी पूरी हो रही है, लिहाज़ा आज जांच दल मोखा को कोर्ट के सामने पेश करेगा। 

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इसके साथ ही एसआईटी की गिरफ्त में सिटी अस्पताल के दवा कर्मी देवेश, मोखा की मैनेजर सोनिया, पत्नी जसमीत और राकेश नामक व्यक्ति के पास से बरामद कुल 6 मोबाइल फोन का डेटा रिकवर करने के लिए भोपाल भेजा है, दो दिन के भीतर जांच दल को फोन का रिकवर हुआ डेटा मिल जाएगा। डेटा के मिलने के बाद कई और खुलासे होने की संभावना है।

1 मई को इस पूरे मामले का भंडाफोड़ हुआ था। जब गुजरात पुलिस ने जबलपुर के रहने वाले सपन जैन को गिरफ्तार किया था। सपन जैन को गुजरात से नकली इंजेक्शन की मध्यप्रदेश में सप्लाई किए जाने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। सपन जैन ने पुलिस को बताया कि सिटी अस्पताल के डायरेक्टर और विश्व हिंदू परिषद के नेता सरबजीत मोखा इस पूरे मामले में शामिल है। 

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सपन जैन ने बताया था कि सरबजीत मोखा के कहने पर उसने सुनील मिश्रा और राकेश मिश्रा के माध्यम से उसने 500 इंजेक्शन खरीदे। इंजेक्शन की खरीद के लिए विहिप नेता ने उसे 15 लाख रुपए दिए। जिसमें 465 इंजेक्शन विहिप नेता ने खुद रख लिए। और 35 सपन जैन को दे दिए। फिलहाल सपन जैन गुजरात पुलिस की गिरफ्त में है। उसे प्रोडक्शन वारंट पर पूछताछ के लिए एसआईटी जबलपुर लाए जाना का प्रयास कर रही है।