खरगोन। मध्य प्रदेश के खरगोन में फसल खराब होने के चलते एक किसान ने आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि मृतक किसान कर्ज में डूबा था और इस साल सूखे के कारण उसकी फसल भी चौपट हो गई थी। किसान इस बात से चिंतित था कि अब वह साहूकारों का कर्ज कैसे चुकाएगा। मामले पर कांग्रेस ने कहा है कि शिवराज के राज में किसान सबसे ज्यादा दुखी हैं।



मामला जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर पंधानिया गांव का है। बताया जा रहा है कि 37 वर्षीय किसान जितेंद्र पाटीदार के पास 18 एकड़ जमीन था। जितेंद्र ने उसमें मक्का, कपास और मिर्च की फसल लगाई थी। जितेंद्र ने बैंक, सोसाइटी और साहूकारों से करीब 8 से 10 लाख रुपए कर्ज ले रखा था। जितेंद्र को उम्मीद थी कि इस साल फसल बेचकर वह कर्ज चुकता कर देगा।



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हालांकि, अल्प वर्षा के कारण इलाके में सूखे की स्थिति निर्मित हो गई। बारिश कम होने के कारण उसकी फसल सूख गई थी। इसी बात को लेकर वह काफी परेशान था। ग्रामीणों के मुताबिक शुक्रवार शाम जब जितेंद्र खेत पर गया तो वह अपनी मेहनत को बर्बाद होते देख अंदर से टूट गया। सूरज ढलते ही जितेंद्र ने अपने काका को फोन लगाया और कहा कि मैं मरने जा रहा हूं और जितेंद्र ने खेत में लगे पेड़ से फांसी लगा ली।



किसान आत्महत्या के लिए कांग्रेस ने राज्य की शिवराज सरकार को दोषी करार दिया है। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा है कि प्रदेश में शिवराज सरकार आते ही किसानो का शोषण फिर शुरू हो गया है और आत्महत्याएँ शुरू हो गई है। पूर्व सीएम ने आरोप लगाया है कि ख़ुद को किसान पुत्र कहने वाले सीएम शिवराज के राज में किसान सर्वाधिक दुखी और क़र्ज़ के बोझ से परेशान है। कमलनाथ ने सरकार से मांग की है कि पीड़ित परिवार की मदद की जाए। 





खरगोन से कांग्रेस विधायक रवि जोशी ने बताया कि पूरे जिले में सूखे के हालात हैं। बारिश नहीं होने के कारण किसानों का सबकुछ बर्बाद होता जा रहा है, और इसी कारण किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं। जोशी ने शिवराज सरकार के मांग की है कि खरगोन को तत्काल सूखाग्रस्त घोषित कर किसानों को राहत राशि दी जाए।