नौजवानों को आग में झोंकने की योजना है अग्निपथ, चार साल बाद युवाओं का ब्याह भी नहीं होगा: कन्हैया कुमार

केंद्र सरकार को घेरते हुए कन्हैया कुमार ने कहा है कि अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए सरकार नया लॉलीपॉप लेकर आई है। युवाओं को भरी जवानी में भूतपूर्व बनाने की योजना है।

Updated: Jun 19, 2022, 03:46 AM IST

नई दिल्ली/पटना। अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने केंद्र सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाया है। कन्हैया ने कहा है कि यह योजना नौजवानों को आग में झोंकने का स्कीम है। उन्होंने केंद्र सरकार पर तंज करते हुए कहा कि चार साल बाद अगर युवा सेना में भर्ती नहीं हो पाए तो उनका ब्याह भी नहीं होगा।

 कन्हैया कुमार ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि, 'सरकार के एक-एक मंत्री जिस तरह से अग्निपथ योजना के फायदे गिना रहे हैं, ऐसा लग रहा है कि वह कुछ बेच रहे हैं। इस भाषा की मानसिकता को पहचानने की कोशिश कीजिये। मंत्रियों को पहले यह बताना होगा कि इस योजना की जरुरत क्या है? जिस तरह से देशवासियों को 15 लाख रुपये मिलने वाले थे क्या उसी खाते में यह 20 लाख रुपये भी जाएंगे? अग्निपथ योजना इस देश के नौजवानों को आग में झोंकने की योजना है।'

युवा नेता ने आगे कहा कि, 'राष्ट्रीय बेरोजगारी दर से बिहार की बेरोजगारी दर दुगुनी है। यहां काम के लिए दूसरे राज्यों में विस्थापन करना दशकों चला आ रहा। इसके लिए मौजूदा सरकार को दोषी नहीं ठहरा रहा। केंद्र के इस कदम से क्या हुआ है कि सेना में जाने का युवाओं को जो मौका मिलता है उसको लेकर वो परेशान हैं। क्या है ना अगर नहीं हुआ ना सेना में भर्ती तो उसका ब्याह नहीं होगा। चार साल में रिटायर होकर आ जाएगा तो कौन ब्याह करेगा उससे। प्रधानमंत्री जी खुद को समझते हैं डॉक्टर डैंग और हम लोगों को समझते हैं पिंजरे में बंद चूहा। जब मन करे तब इंजेक्शन लगाना शुरू कर देते हैं। टेस्ट करते हैं कितना उछला।'

कन्हैया कुमार ने आगे कहा कि, 'मैं बिहार का रहने वाला हूं। मैं ऐसे परिवार से आता हूं जहां 15-16 लोग आर्म्ड फोर्सेज में हैं। हमारे एक भाई और रिश्तेदार ने सर्वोच्च शहादत दी है। जब देश में सेना भर्ती की एक नियमित प्रक्रिया है तो उस प्रक्रिया को खत्म करने का कारण क्या है? सरकार कह रही है कि हम चाहते हैं कि युवाओं को रोजगार मिले। पीएमओ ने हाल ही में ट्वीट किया डेढ़ लाख नौकरियां दी जाएंगी। जब नोटबंदी की गई तो कहा गया कि आतंकवाद खत्म हो जाएगा, नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा। बावजूद इसके नक्सलवादी और आतंकवादी घटनाएं हो रही हैं। अगर नोटबंदी के बाद आतंकवाद समाप्त हो जाता तो पुलवामा की घटना कैसे हुआ।'

हिंसा की घटनाओं पर पूछे जाने कर कांग्रेस नेता ने कहा कि, 'ये वही नौजवान हैं जिन्होंने उस वक्त हिंसा नहीं किए जब इनके माता-पिता हजारों किलोमीटर पैदल चले। ये वही नौजवान हैं जिन्होंने तब हिंसा नहीं की जब उनके परिवार को ऑक्सिजन नहीं मिल रहा था। दो करोड़ रोजगार नहीं देने पर भी हिंसा नहीं किए। क्या आपने विपक्ष से पूछा? क्या आपने नौजवानों से पूछा कि हम आपका भला करना चाहते हैं, किसानों की तरह। ये नौजवान ना किसी के द्वारा लाए गए हैं...ना किसी के द्वारा बुलाए गए हैं। सेना का सवाल देश की सुरक्षा का सवाल है, आप इसे मजाक मत बनाइये। सेना में गरीब किसान, मजदूर के बच्चे जाते हैं।'