अडानी के मुंद्रा पोर्ट से 350 करोड़ की हेरोइन बरामद, UAE से आया था कंटेनर

हाल के सालों में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट व उसके आसपास के इलाकों से नशीले पदार्थों के मिलने के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है, अबतक हजारों करोड़ के ड्रग्स बरामद हो चुके हैं बावजूद कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है

Updated: Jul 13, 2022, 06:07 AM IST

मुंद्रा। ड्रग्स के खिलाफ तमाम कार्रवाई के बावजूद गुजराती ड्रग्स माफियाओं का यह गोरखधंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है। ATS ने कच्छ स्थित गुजराती कारोबारी गौतम अडानी के मुंद्रा पोर्ट से एक बार फिर करोडों रुपए के ड्रग्स बरामद किए हैं। इसका वज़न 70 किलोग्राम बताया जा रहा है, जिसकी कीमत 350 करोड़ रुपए आंकी गई है।

बताया जा रहा है कि हेरोइन की यह खेप एक कंटेनर के माध्यम से UAE से यहां मंगवाया गया था। कंटेनर दुबई के जेबेल अली पोर्ट से भारत आया था। एटीएस को इसकी गुप्त सूचना मिली थी। अधिकारियों का मानना है कि इतनी भारी मात्रा में ड्रग्स का कंसाइनमेंट अफ़ग़ानिस्तान से दुबई और फिर भारत आया।

अधिकारियों ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि जहां ड्रग्स बरामद हुई है, वहां पर टीम का तलाशी अभियान अभी भी जारी है, इसलिए जब्त की गई हेरोइन की मात्रा में वृद्धि हो सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक एटीएस को पंजाब पुलिस ने इस बात की जानकारी दी थी।

बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले मुंद्रा पोर्ट के माध्यम से भारत में बड़े पैमाने पर ड्रग्स की तस्करी हो रही है। पिछले साल इस पोर्ट से दुनिया के सबसे बड़े ड्रग्स रैकेट के संचालन का भंडाफोड़ हो चुका है। बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, नतीजतन धड्डले से ड्रग्स का कारोबार जारी है।

पिछले साल 13 सितंबर को बिजनेसमैन गौतम अडानी के मुंद्रा पोर्ट से 21 हजार करोड़ रुपए की 3 हजार किलो ड्रग्स पकड़ी गई थी। ड्रग्स को कागजों पर टेलीकॉम पाउडर बताकर लाया जा रहा है। साल गुजरने के बाद भी आजतक इस बड़े रैकेट के पीछे का माफिया कौन था इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है। मुंद्रा पोर्ट से ड्रग्स बरामदगी के बाद पता चला था कि बीते साल जून में भी टेलकम पाउडर मंगाए गए थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक जून में भी उसी कंपनी ने टेलकम पाउडर मंगाया था, जिसे सितंबर में टेलकम पाउडर की आड़ में ड्रग्स मंगाते पकड़ा गया था। लेकिन जून में 3 हजार किलो के बजाए 25 हजार किलो टेलकम पाउडर मंगाए गए थे। ड्रग्स के रेट के हिसाब से इसकी कीमत लगभग 1 लाख 75 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा होगी। लेकिन तब इस खेप को पकड़ा नहीं जा सका था। और यदि वे ड्रग्स थे जिसकी पूरी संभावना है तो उसे भारतीय बाजारों में खपाया जा चुका होगा और हिंदुस्तान के लाखों युवा नशे की आग में झोंके गए होंगे। बीजेपी शासित गुजरात से संचालित यह ड्रग्स रैकेट न सिर्फ युवाओं के स्वास्थ्य बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।