कैसे हुआ था सीडीएस रावत का हेलीकॉप्टर क्रैश, एयरफोर्स ने रक्षा मंत्री को सौंपी जांच रिपोर्ट

8 दिसंबर को हुए एक विमान हादसे में सीडीएस रावत, उनकी पत्नी समेत 12 सैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी, वायुसेना ने किसी भी हमले या तकनीकी खराबी की संभावनाओं को नकारा

Updated: Jan 06, 2022, 07:58 AM IST

Photo Courtesy: The Indian Express
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नई दिल्ली। देश के जांबाज सीडीएस विपिन रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश की वजह पता चल गई है। वायुसेना ने इस हादसे में किसी भी हमले या तकनीकी खराबी के संभावनाओं को खारिज कर दिया है। वायुसेना की जांच रिपोर्ट में पता चला है कि खराब मौसम के कारण सीडीएस का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक एयरफोर्स ने बुधवार को इस हादसे से जुड़ी जांच रिपोर्ट रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को सौंप दी है। आधिकारिक रूप से इस रिपोर्ट से संबंधित कोई जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन मीडिया सूत्रों के हवाले से जो जानकारी सामने आई वो यह बताने के लिए काफी है कि हेलिकॉप्टर क्रैश होने से 8 मिनट पहले की उस अवधि में क्या हुआ था।

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बताया गया कि भारतीय वायुसेना के रूस में बने Mi-17V5 हेलिकॉप्टर को उस दिन पायलट विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान उड़ा रहे थे। उन्होंने क्रैश से ठीक 8 मिनट पहले सूचना भी भेजी थी कि वह हेलिकॉप्टर को लैंड कराने जा रहे हैं। जांच रिपोर्ट में पता चला है कि उस दिन तमिलनाडु का मौसम खराब था। पायलट हेलिकॉप्टर को जमीन से करीब 500-600 मीटर की ऊंचाई पर उड़ा रहे थे। सीडीएस रावत का विमान उस दिन पहाड़ी पर एक रेलवे लाइन के सहारे आगे बढ़ रहा था और तभी चारों तरफ से बादल घिर आए।

जांच रिपोर्ट ने पाया कि इलाके की जानकारी होने के कारण क्रू ने तेजी से बादलों के घेरे से निकलने का फैसला किया और इसी प्रक्रिया में चॉपर किसी चट्टान या अन्य वस्तु से जा टकराया। इसी वजह से हेलीकॉप्टर ने नियंत्रण खोया और क्रैश हो गया। एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह ने इस हादसे की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का नेतृत्व किया है।  बताया जा रहा है कि पुलिस दल ने मानवीय त्रुटि या हेलिकॉप्टर के उतरने की तैयारी करते समय चालक दल के सदस्य के ध्यान भटकने की संभावना समेत दुर्घटना के सभी संभावित पहलुओं की समीक्षा की है। एयर मार्शल सिंह को हवाई दुर्घटना के मामलों की जांच करने वाले देश के सर्वश्रेष्ठ जांचकर्ताओं में से एक जाना जाता है।