जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि बीजेपी ने राज्य में एक बार फिर सरकार गिराने का खेल शुरू कर दिया है। गहलोत ने शनिवार को शिवगंज स्थित कांग्रेस कार्यालय भवन के वर्चुअल उद्घाटन के दौरान यह आरोप लगाया। इतना ही नहीं गहलोत ने यह भी कहा कि बीजेपी के नेताओं ने सिर्फ राजस्थान ही नहीं, महाराष्ट्र में भी राज्य सरकार को गिराने की कोशिश शुरू कर दी है। 

गहलोत ने जिस समय यह आरोप लगाए उस समय कांग्रेस नेता अजय माकन भी उसी वर्चुअल कॉन्फ्रेंस से जुड़े हुए थे। हालांकि अशोक गहलोत ने किसी बागी विधायक का नाम नहीं लिया। अशोक गहलोत ने पांच महीने पहले राज्य में पनपी राजनीतिक अस्थिरता का ज़िक्र करते हुए कहा कि बीजेपी की कोशिशों को विफल करने के लिए हमें अपने विधायकों को 34 दिनों तक होटल में रखना पड़ा। गहलोत ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि कोरोना काल में भी बीजेपी ने राज्य में लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास किया। 

गहलोत ने पांच महीने पहले के पूरे घटनाक्रम का ज़िक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस के कुछ विधायकों को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और ज़फ़र इस्लाम से मिलवाया गया है। उन्होंने कहा कि मुलाकात के दौरान धर्मेंद्र प्रधान सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के वकीलों से बातचीत का बहाना करके विधायकों को भरोसे में लेने का प्रयास कर रहे थे। गहलोत ने दावा किया कि धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस के विधायकों से कहा कि हम पांच राज्यों में सरकार गिरा चुके हैं और अब राजस्थान में भी गिरा देंगे।

गहलोत ने कहा कि कुछ विधायकों ने ही उन्हें यह सारी कहानी बताई है। गहलोत के मुताबिक उन विधायकों ने कहा कि उन्हें शर्म आती है कि जिस पद पर कभी सरदार पटेल बैठे थे, उस पर आज अमित शाह जैसे लोग बैठे हुए हैं। गहलोत ने कहा कि रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन, वेणुगोपाल और अविनाश पांडेय जैसे नेताओं ने यहां आकर एक के बाद एक बर्खास्तगी का निर्णय लिया, जिससे हमारी सरकार बच सकी। 

गहलोत को दिल्ली बुलाना चाहती है कांग्रेस, कुर्सी बचाने के लिए दे रहे ऐसे बयान: राठौड़ 

गहलोत के आरोपों पर बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने पलटवार किया है। विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि अहमद पटेल के निधन के बाद कांग्रेस को दिल्ली में अपने एक बड़े सिपहसालार की ज़रूरत है। कांग्रेस गहलोत को दिल्ली बुलाना चाहती है, लेकिन गहलोत कुर्सी से चिपके रहना चाहते हैं इसलिए वे ऐसे बयान दे रहे हैं ताकि पार्टी उन्हें दिल्ली न बुलाए। राठौड़ ने कहा कि गहलोत इसलिए भी डरे हुए हैं क्योंकि कांग्रेस के अंदर ही सीएम पद को लेकर नाराज़गी है।