नई दिल्ली : कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश के शीर्ष न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ने अदालती नोटिस और समन को टेली-मैसेजिंग एप जैसे व्हाट्सएप व ई-मेल से भेजने की अनुमति दी है। शुक्रवार 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की पीठ ने कहा है कि नोटिस, समन आदि की सेवाओं के लिए डाकघरों का दौरा करना संभव नहीं है। इसलिए उपरोक्त सभी प्रकार की सर्विस ई मेल, फैक्स और अन्य त्वरित संदेशवाहक सेवाओं जैसे व्हाट्सऐप और अन्य टेली मैसेंजरों के माध्यम से समन भेजा जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल नोटिस/समन भेजने के लिए इजाजत देते हुए यह भी कहा है कि ब्लू टिक नोटिस की रिसीविंग सुनिश्चित करेंगे। अगर व्हाट्सएप पर ब्लू टिक आता है, तो ये मान लिया जाएगा कि रिसीवर ने नोटिस को देख लिया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की ओर से एजी केके वेणुगोपाल की इस दलील को नहीं माना है कि व्हाट्सएप को शामिल न किया जाए।

पूर्व परंपरा

बता दें कि इससे पहले फिजिकल तौर पर ही नोटिस और समन भेजे जाते थे। ऐसे में कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। कई बार डाक के जरिए भेजा गया नोटिस/समन उक्त इंसान तक नहीं पहुंच पाता है। जबकि कई बार पहुंचने में काफी देर लग जाती है। कोरोना संकटकाल में यह और चुनौतीपूर्ण हो गया है। इसलिए कोर्ट का यह आदेश समने आया है।