तेलंगाना विधानसभा ने की मनमोहन सिंह को भारत रत्न देने की मांग, सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित
सीएम ए. रेवंत रेड्डी ने विधानसभा में मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री एक महान नेता थे, जिन्होंने अपने नेतृत्व में तेलंगाना के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया।
हैदराबाद। देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार को राजकीय सम्मान से दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया गया। सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित कई दिग्गज मौजूद रहे। सिंह को भारत रत्न देने की मांग भी अब तेज हो गई है।
तेलंगाना विधानसभा ने केंद्र सरकार से मनमोहन सिंह को भारत रत्न देने का आग्रह किया है। इस संबंध में तेलंगाना विधानसभा ने सोमवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें दिवंगत डॉ. मनमोहन सिंह को भारत रत्न से सम्मानित करने का केंद्र सरकार से आग्रह किया गया है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को विधानसभा ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया।
इसके साथ ही विधानसभा में हैदराबाद में मनमोहन सिंह की प्रतिमा स्थापित करने के प्रस्ताव को पारित किया गया, ताकि उन्हें एक महान नेता के रूप में याद किया जा सके, जिन्होंने नया राज्य देकर तेलंगाना वासियों की 60 वर्षों की आकांक्षाओं को पूरा किया। प्रस्ताव में कहा गया है कि वित्त मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल (1991-1996) देश के आर्थिक इतिहास में महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसमें उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण जैसे प्रमुख सुधार हुए।
प्रस्ताव में इस बात को भी विशेष रूप से रेखांकित किया कि तेलंगाना राज्य के गठन में डॉ. मनमोहन सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका थी। प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान 2014 में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम संसद में पारित किया गया, जिससे लोगों की दशकों पुरानी आकांक्षा पूरी हुई। इससे पहले विधानसभा के विशेष सत्र में दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। साथ ही भारत की प्रगति और तेलंगाना राज्य के गठन में उनके अमूल्य योगदान को स्वीकार किया गया। सिंह को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त अर्थशास्त्री बताया गया।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि राज्य के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए तेलंगाना मनमोहन सिंह का आभारी है। उन्होंने देश की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ाने में दिवंगत सिंह के दृष्टिकोण और नेतृत्व पर प्रकाश डाला तथा भावी पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक के रूप में उन्हें सम्मानित करने के महत्व पर बल दिया। सीएम रेड्डी ने याद किया कि तेलंगाना के महबूबनगर से ही तत्कालीन प्रधानमंत्री सिंह ने साल में 100 दिन का सुनिश्चित रोजगार देने के लिए मनरेगा योजना शुरू की थी।
वहीं, तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्क ने भी मनमोहन सिंह की प्रशंसा की और उदार नीतियों के जरिये देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह भारत में सामाजिक असमानताओं को समझते थे और आम आदमी को सशक्त बनाने के लिए आरटीआई जैसे कानून लाए। उन्होंने कहा कि सिंह द्वारा शुरू की गई रोजगार गारंटी योजना का देश पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ा।
खास बात ये रही कि मुख्य विपक्षी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने भी मनमोहन सिंह को भारत रत्न दिए जाने की मांग का समर्थन किया। बीआरएस नेता केटी रामा राव (KTR) ने कहा कि उनका मानना है कि मनमोहन सिंह सर्वोच्च सम्मान पाने के हकदार हैं। केटीआर ने याद दिलाया कि जब तेलंगाना के बेटे पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे, तो उन्होंने लेटरल एंट्री के जरिये मनमोहन सिंह को सरकार में शामिल किया था।