पेंशन के 17 हजार करोड़ वापस देने से केंद्र ने किया इनकार, सीएम बघेल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

केंद्र सरकार की संस्था FRDA ने छत्तीसगढ़ सरकार के कर्मचारियों के पेंशन अंशदान के रूप में जमा 17 हजार 240 करोड़ रुपए की राशि को वापस करने से इनकार कर दिया है

Updated: Jun 03, 2022, 08:51 AM IST

रायपुर। केंद्र सरकार की संस्था पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने छत्तीसगढ़ सरकार के कर्मचारियों के पेंशन अंशदान के रूप में जमा 17 हजार 240 करोड़ रुपए की राशि को वापस करने से इनकार कर दिया है। इसकी वजह से राज्य में लागू पुरानी पेंशन योजना के प्रावधानों में भूपेश बघेल सरकार को दिक्कत हो सकती है। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है और बताया है की यह संघीय ढांचे के खिलाफ है।

पीएम मोदी को संबोधित पत्र में सीएम भूपेश बघेल ने लिखा है कि, 'छत्तीसगढ़ राज्य के वर्ष 2022-23 के बजट भाषण में राज्य शासन की पेंशन योग्य स्थापना में दिनांक 1 नवम्बर, 2004 अथवा उसके पश्चात नियुक्त समस्त शासकीय कर्मचारियों के लिये नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा की गई है। राज्य मंत्रि-परिषद की बैठक दिनांक 1 मई, 2022 में इस निर्णय का अनुमोदन किया जा चुका है तथा इस निर्णय के क्रियान्वयन हेतु आवश्यक अधिसूचना छत्तीसगढ़ राजपत्र दिनांक 11 मई, 2022 को जारी की जा चुकी है।

सीएम बघेल ने आगे लिखा है की, 'लोक हित की शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में राज्य के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य शासन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पुरानी मांग पर उनके एवं उनके परिवार के भविष्य को सुरक्षित बनाने की दृष्टि से पुरानी पेंशन योजना की बहाली का निर्णय लिया गया है। दिनांक 1 अप्रैल 2022 से शासकीय सेवकों के वेतन से किये जाने वाले मासिक पेंशन अंशदान को समाप्त करते हुए एनएसडीएल को जमा किये जाने वाले कर्मचारी एवं राज्य शासन के अंशदान को बंद कर दिया गया है। इसके स्थान पर पुरानी पेंशन योजना के अनुरूप ऐसे प्रत्येक कर्मचारी का नवीन सामान्य भविष्य निधि खाता खोलकर प्रतिमाह उनके मूल वेतन का 12 प्रतिशत अंशदान इस खाते में जमा किया जा रहा है, जो कि कर्मचारी की सेवानिवृत्ति पर सामान्य भविष्य निधि नियमों के अनुरूप ब्याज सहित अंतिम भुगतान किया जायेगा।'

सीएम बघेल के मुताबिक, 'राज्य शासन द्वारा यह निर्णय भी लिया गया है कि 31 मार्च, 2022 तक एनएसडीएल के पास कर्मचारियों एवं राज्य शासन के अंशदान की जमा कुल राशि को राज्य सरकार द्वारा वापस प्राप्त किया जाए तथा इसमें से कर्मचारियों के अंशदान की कुल जमा राशि उनके सामान्य भविष्य निधि खाते में अंतरित की जाए तथा राज्य शासन के अंशदान की कुल जमा राशि को लोक लेखे के अंतर्गत एक पृथक पेंशन निधि में जमा रखा जाए। इस निधि से भविष्य में पेंशनरी दायित्वों के भुगतान हेतु आवश्यक होने पर राशि का आहरण किया जा सकेगा। साथ ही इस निधि के और संवर्धन हेतु जगा राशि को भारत सरकार, राज्य सरकारों की प्रतिभूतियों में सुरक्षित रूप से निवेशित किया जायेगा तथा प्रतिवर्ष गत वर्ष के पेंशन भुगतान की 4 प्रतिशत के बराबर राशि निवेशित की जायेगी।'

मुख्यमंत्री ने आगे लिखा कि, 'राज्य सरकार के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार एनएसडीएल को 1 नवम्बर, 2004 से 31 मार्च, 2022 तक कुल 11.850 करोड़ (कर्मचारी एवं नियोक्ता अंशदान) अंतरित किये गये हैं। एनएसडीएल से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में इस जमा राशि का बाजार मूल्य लगभग 17.240 करोड़ रूपये है। राज्य सरकार द्वारा पत्र दिनांक 20 मई 2022 के माध्यम से उपरोक्त सभी तथ्यों से पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण को अवगत कराते हुए इस जमा राशि को राज्य शासन को वापस करने का अनुरोध किया गया था। प्राधिकरण द्वारा अपने पत्र दिनांक 26 मई, 2022 ( प्रति संलग्न) के माध्यम से यह लेख किया गया है कि पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2013, सहपठित पीएफआरडीए (राष्ट्रीय पेंशन योजना अंतर्गत निकासी एवं प्रत्याहरण) विनियमन, 2015 तथा अन्य सुसंगत नियमों में इस आशय का कोई प्रावधान नहीं है जिसमें राज्य सरकार को कर्मचारी एवं नियोक्ता अंशदान की जमा राशि वापस की जा सके।'

मुख्यमंत्री ने संघीय ढांचे का हवाला देते हुए कहा कि, 'राज्य सरकार द्वारा एनपीएस ट्रस्ट तथा एनएसडीएल के साथ किये गये अनुबंधों में ऐसा कोई विशिष्ट प्रावधान नहीं है जो राज्य शासन को नवीन अंशदायी पेंशन योजना के संबंध में किये गए अनुबंध से बाहर जाने तथा पुरानी पेंशन योजना की बहाली से बाधित करता हो। संघीय ढांचे में यह राज्य सरकार का सम्प्रभु निर्णय है। राज्य सरकार द्वारा राज्य के विधान मण्डल में प्रस्तुत बजट में की गई घोषणा व उसके अनुक्रम में मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य के शासकीय कर्मचारियों एवं उनके परिवारों के भविष्य को सुरक्षित करने हेतु लिये गए निर्णय के क्रियान्वयन से रोका जाना उचित नहीं होगा।' उन्होंने मांग की है कि राज्य सरकार के निर्णय के क्रियान्वयन हेतु पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण को कर्मचारी एवं नियोक्ता अंशदान की एनएसडीएल के पास जमा राशि को राज्य सरकार को वापस करने का निर्देश दे।