हसदेव में पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प, प्रियंका गांधी ने सरकार पर लगाया अड़ानी के लिए काम करने का आरोप

जो आदिवासी सदियों से जंगलों के मालिक हैं, उन्हें बेदखल किया जा रहा है ताकि अडानी जी की खदानें चल सकें: प्रियंका गांधी

Updated: Oct 17, 2024, 05:42 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में हसदेव अरण्य को बचाने के लिए बड़ी मुहिम चल रही है। क्योंकि कोयला खनन के लिए जंगल से पेड़ काटे जा रहे है। आदिवासियों द्वारा पेड़ कटाई का विरोध किया जा रहा है। इसी बीच पुलिस और आदिवासियों के बीच झड़प की भी खबर सामने आई है। इसमें कुछ ग्रामीण घायल हुए हैं। इसे लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है।

प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'पूरे देश में आदिवासियों पर अत्याचार करना भाजपा की नीति बन गई है। जो आदिवासी सदियों से जंगलों के मालिक हैं, उन्हें बेदखल किया जा रहा है ताकि अडानी जी की खदानें चल सकें। क्या छत्तीसगढ़ में संविधान की पांचवी अनुसूची के क्षेत्र समाप्त कर दिये गये हैं? इसके तहत संरक्षित क्षेत्र से आदिवासियों को बेदखल किया जा रहा है। क्या आदिवादियों के जल, जंगल और जमीन के अधिकार और पुरखों की विरासत का फैसला फर्जी प्रक्रियाओं के जरिये होगा?' 

कांग्रेस महासचिव ने आगे लिखा, 'कांग्रेस की सरकार ने विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था कि हसदेव अरण्य क्षेत्र में पेड़ नहीं काटे जाएंगे। भाजपा ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया था, लेकिन आज आदिवासियों के विरोध के बावजूद जंगल खाली करने को कहा जा रहा है और विरोध करने पर आदिवासी भाई-बहनों पर अत्याचार किया जा रहा है।'

दरअसल, भूपेश बघेल की सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर निर्णय लिया था कि हसदेव अरण्य में पेड़ नहीं काटे जाएंगे। चुनाव के मद्देनजर तब भाजपा ने इसका समर्थन किया। लेकिन सरकार में आते ही अब यू-टर्न ले लिया। साय सरकार किसी भी कीमत पर खनन शुरू करना चाहती है क्योंकि इसका ठेका अडानी समूह के पास है। वहीं, आदिवासी जंगलों को उजड़ने नहीं देना चाहते। सरकार द्वारा बल प्रयोग कर आदिवासियों को हटाने की कोशिशें हो रही है। इसी दौरान झड़प की स्थिति उत्पन्न हो रही है।