CM भूपेश बघेल का एलान, राहुल साहू रेस्क्यू ऑपरेशन पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाएगी छत्तीसगढ़ सरकार

सीएम बघेल ने कहा कि 'राहुल साहू रेस्क्यू ऑपरेशन' पर एक डॉक्यूमेंटरी फिल्म भी बनाई जाएगी, जिससे रेस्क्यू टीम के इस अनुभव को प्रदेश और देश के लोग समझ सकें और भविष्य में ऐसी होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए सहायक हो।

Updated: Jun 17, 2022, 06:04 AM IST

Photo Courtesy: twitter
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रायपुर। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार जांजगीर चांपा में बोरवेल से सकुशल निकाले गए राहुल साहू के रेस्क्यू ऑपरेशन पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाएगी और इसके साथ ही राहुल साहू की पढ़ाई, लिखाई और आगे के इलाज का पूरा खर्चा भी राज्य सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ये घोषणा बहादुर राहुल साहू के रेस्क्यू ऑपरेशन में सफल भूमिका निभाने वाली रेस्क्यू टीम के सभी सदस्यों को सम्मानित करने के लिए आयोजित सम्मान समारोह में की। 

सीएम बघेल ने कहा कि 'राहुल साहू रेस्क्यू ऑपरेशन' पर एक डॉक्यूमेंटरी फिल्म भी बनाई जाएगी, जिससे रेस्क्यू टीम के इस अनुभव को प्रदेश और देश के लोग समझ सकें और भविष्य में ऐसी होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए सहायक हो। राहुल की पढ़ाई-लिखाई और आगे के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। उसको स्पीच थेरेपी, श्रवण यंत्र लगवाने की जरूरत होगी तो उसका खर्चा भी राज्य सरकार उठायेगी।

सीएम बघेल ने राहुल को सुरक्षित निकालने में अहम् भूमिका निभाने वाले नजरुल की भी सराहना की। सीएम ने कहा कि एक बच्चे नजरूल ने दूसरे बच्चे को बचाने में मदद की। निश्चित रूप से जितनी प्रशंसा की जाए कम है। संकट कभी बता कर नही आती ओर भी रेस्क्यू हुए हैं परंतु यह 104 घंटे का सबसे लंबा ऑपरेशन हुआ। बच्चे नजरूल और पूरी टीम को राज्योत्सव में सम्मानित करेंगे।

इससे पहले मुख्यमंत्री बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती राहुल साहू का स्वास्थ्य लाभ जानने पहुंचे। उन्होंने अस्पताल में राहुल के परिजनों से मुलाकात की। दरअसल 10 जून को जांजगीर चांपा के पिहरीद गांव में 11 वर्ष का राहुल साहू दोपहर तीन बजे 80 फीट गहरे बोरवेल में गिरकर 65 फीट नीचे फंस गया था। राहुल साहू एक मूक वधिर बच्चा है, मतलब राहुल न बोल सकता है और न ही सुन सकता है। इसलिए राहुल का रेस्क्यू ऑपरेशन एक चुनौती से कम नहीं था लेकिन 500 अधिकारी कर्मचारियों की टीम के संयुक्त प्रयास से 104 घंटे  चले रेस्क्यू ऑपरेशन में राहुल को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया। इस ऑपरेशन में बच्चे को ट्रेस करने के लिए रोबोटिक्स इंजीनियर की मदद ली गई।