Farm Bill Protest: नए कृषि बिल के विरोध में कांग्रेस का प्रदर्शन, राष्ट्रपति से कानून निरस्त करने की मांग

Congress Protests: नए कृषि बिल के विरोध में रायपुर के गौरव पथ पर कांग्रेसियों ने किया पैदल मार्च, विधेयक को कहा काला कानून, राज्यपाल को सौंपा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन

Updated: Sep 30, 2020, 12:51 AM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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रायपुर। देशभर के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस ने नए कृषि बिल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को राजधानी में कांग्रेस ने पैदल मार्च निकाला। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी, मंत्री, विधायक, सांसदों ने राजभवन तक मार्च किया। इस दौरान कांग्रेसियों जमकर नारेबाजी भी की।

कांग्रेस ने राज्यपाल अनुसुइया उइके को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम ज्ञापन सौंपा है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार के इस कृषि बिल को काला कानून कहते हुए राष्ट्रपति से इस कानून को निरस्त करने की मांग की है। कांग्रेस ने ज्ञापन के जरिए आरोप लगाया है कि ‘यह कानून संसदीय कार्यप्रणाली पर हमला है, चंद कारोबारियों के लिए आपदा में अवसर पैदा करने के लिए यह कानून लाया गया है, जिसे देश के किसान नहीं भूलेंगे।’

वहीं इस नए कृषि बिल को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि ‘एक तरफ छत्तीसगढ़ सरकार की किसान कल्याणकारी योजनाओं से प्रदेश के मजदूर बड़ी संख्या में कृषि की तरफ बढ़ रहे हैं। दूसरी तरफ केंद्र सरकार ऐसा कानून लेकर आयी है जो किसानों को मजदूर बनने को मजबूर करेगा।‘ मुख्यमंत्री ने कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे का एक लेख शेयर किया है। जिसमें कृषि मंत्री ने बताया है कि किस तरह इस बिल से किसान कार्पोरेट घरानों के चंगुल में फंस जाएंगे।

वहीं कांग्रेस के प्रदर्शन को बीजेपी ने छलावा बताया है। बीजेपी का कहना है कि यह पैदल मार्च किसानों के साथ छलावा है। कांग्रेस किसानों के नाम पर घड़ियाल आंसू बहा रही है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने पांच दशक से अधिक समय तक देश में राज किया लेकिन किसानों के हितों की अनदेखी की।