रायपुर में धरने पर बैठे 200 से ज्यादा संविदा स्वास्थ्यकर्मी, सरकार से दोबारा काम पर रखने की मांग

कोरोना काल में 200 से ज्यादा संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने रायपुर में दिया धरना, दोबारा काम पर रखे जाने की मांग

Updated: Mar 20, 2021, 12:08 PM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में करीब 200 से ज्यादा कोरोना वॉरियर्स को काम से निकाल दिया गया है। इन स्वास्थ्यकर्मियों ने कोरोना के पीक टाइम में कोविड केयर सेंटर्स में काम किया है। कई लैब में कोरोना टेस्टिंग का काम करते थे, तो किसी ने सफाईकर्मी के तौर पर काम किया है। इस फेहरिस्त में नर्स और वार्ड ब्वॉय भी शामिल हैं। जिन्हें स्वास्थ्य विभाग ने काम से निकाल दिया है।

दुर्ग, बालोद समेत कई जिलों से 200 से ज्यादा संविदा कर्मचारियों ने काम से निकाले जाने के विरोध में रायपुर में धरना प्रदर्शन किया। ये लोग सरकारी कोविड वार्ड्स में ड्यूटी पर लगाए गए थे। शनिवार को कोरोना संविदा कर्मचारी संगठन के बैनर तले काम से निकाले गए संविदा कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया। रायपुर के बूढ़ापारा धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पहले तो हमें मंचों पर बुलाकर सम्मानित किया गया और अब काम से निकाल दिया गया, ये कैसा सम्मान है?

धरना प्रदर्शन में शामिल हुए संविदा कर्मियों का कहना है कि उन्होंने मुश्किल दौर में जान जोखिम में डालकर काम किया है। जब जरुरत थी तब काम पर रख लिया और फिर निकाल दिया। अब एक बार फिर कोरोना का संकट गहरा रहा है, ऐसे में दूसरों को भर्ती किया जा रहा है। संविदा कर्मियों की मांग है कि उन्हें ही लगातार काम पर रखा जाए। पूरे प्रदेश के 4 हजार संविदा कोविड कर्मचारियों पर रोजगार का संकट मंडरा रहा है। ये संविदाकर्मी काम पर दोबारा रखे जाने की मांग पर अड़े हैं।

संविदा स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि पहले वे अन्य संस्थाओं में मेडिकल स्टाफ का काम करते थे। वहां काम छोड़कर वे सरकारी कोविड सेंटर्स में काम करने लगे। अब यहां से निकाले जाने के बाद कहीं काम नहीं मिल रहा। इतना ही नहीं जो अफसर हमारे काम की तारीफ करते थे, वे अब बात तक करने को तैयार नहीं है। संविदा कर्मचारियों ने तीन महीने का वेतन नहीं दिए जाने का आरोप भी लगाया है।