दो गुटों में विवाद के बाद कवर्धा में लगा कर्फ्यू, 59 लोगों की हुई गिरफ्तारी

चौराहे पर धार्मिक झंडा लगाने को लेकर हुए विवाद में भड़की हिंसा, कवर्धा में पुलिस ने लगाया कर्फ्यू, वीडियो के आधार पर 70 पत्थरबाजों की हुई पहचान, बीजेपी का दावा शहर के बाहर से नहीं आया कोई कार्यकर्ता

Publish: Oct 06, 2021, 12:20 PM IST

Photo Courtesy: twitter
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रायपुर। यूपी की राजनीति में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के एक्टिव होते ही छत्तीसगढ़ में शांति भंग की खबरें आने लगी हैं। कबीरधाम जिले के कवर्धा में खंबे पर धार्मिक झंडा लगाने का विवाद बढ़ता ही जा रहा है। शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के बाद पुलिस ने कर्फ्यू लगा दिया है। सांप्रदायिक विवाद को रोकने के लिए पुलिस ने यह फैसला लिया है। रविवार को झंडा लगाने को लेकर दो गुटों में विवाद हुआ था, जिसके बाद शहर में धारा 144 लगा दी गई थी। लेकिन इसके बाद भी विश्व हिंदू परिषद ने मंगलवार को कवर्धा बंद और धरना प्रदर्शन का आह्वान किया था। इस दौरान सैकड़ों गाड़ियों पर तोड़फोड़ की गई। आम जनता और पुलिस पर पत्थरबाजी की गई। घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं। जिसके बाद शहर में कर्फ्यु लगा दिया गया है। वहीं वीडियो फुटेज के आधार पर 70 लोगों की पहचान की गई है। जिनमें से 59 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। 

 दरअसल रविवार को कवर्धा के लोहारा नाका चौक पर धार्मिक झंडा लगाने को लेकर दो गुटों में विवाद हुआ था। जिसके बाद मारपीट और पत्थरबाजी तक मामला पहुंच गया था। कवर्धा में धारा 144 के बावजूद विश्व हिन्दू परिषद ने कवर्धा बंद का आह्वान कर धरना प्रदर्शन किया। अब आरोप लग रहा है कि इस प्रदर्शन में बीजेपी ने अन्य जिलों राजनांदगांव, बेमेतरा, मुंगेली, धमतरी, रायपुर से लोगों को बुलाया था। जिन्होंने शहर में तोड़फोड़ और उपद्रव किया। जिसकी वजह से शहर की शांति व्यवस्था बिगड़ गई। घटना में कई लोगों के घायल होने की भी खबर है।

 नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक इस बात से इनकार कर रहे हैं, उन्होंने सफाई दी है कि उपद्रवियों का उनके संगठन से कोई लेना देना नहीं है। आरोप है कि उपद्रवियों ने करीब 100 से ज्यादा गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया और पुलिस समेत आम लोगों पर पत्थर बरसाए। कई घंटे तक यह दहशत भरा माहौल रहा, जिसकी वजह लोगों को घरों में कैद रहना पड़ा। जिसके बाद कानून व्यवस्था के मद्देनजर सख्त कर्फ्यू लगा दिया गया।

मारपीट और विवाद के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। एक गुट पुलिस को भी निशाने पर ले रहा है। उसका कहना है पुलिस ने लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर मारा है। लोग इस घटना को साम्प्रदायिक रंग देने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। 

पुलिस इस मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। वहीं इस मामले में दोनों गुटों के खिलाफ कई FIR दर्ज हो चुकी हैं। पुलिस ने एक शांति समिति की बैठक भी बुलाई, जहां लोगों को आगामी त्योहारों के मद्देनजर लोहारा चौक से धार्मिक झंडे हटाने और शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए कहा गया।