IMF ने इस साल भारत का वृद्धि दर 6.1 फीसदी रहने का अनुमान रखा बरकरार

IMF ने अगले साल के लिए अनुमान जताया है कि अगले वित्त वर्ष में भी भारत की ग्रोथ दुनिया के अन्य देशों की तुलना में तेज रहेगी। वह इस साल भी चीन से आर्थिक वृद्धि के मामले में आगे रहेगा।

Updated: Jan 31, 2023, 04:11 AM IST

Photo Courtesy: NDTV
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नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध समेत कई वैश्विक चुनौतियों के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में इकोनॉमिक सर्वे पेश करेंगी। इससे पहले भारत के लिए आर्थिक मोर्चे पर एक अहम खबर आई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अगले साल के लिए अनुमान जताया है कि अगले वित्त वर्ष में भी भारत की ग्रोथ दुनिया के अन्य देशों की तुलना में तेज रहेगी। आईएमएफ ने भारत की वृद्धि दर 2023 में 6.1 फीसदी रहने के अनुमान को बरकरार रखा है।

आईएमएफ के मुताबिक भारत तेजी से वृ​द्धि करने वाली अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। जबकि भारत के बाद दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था एक और एशियाई देश चीन की आंकी गई है। जिसका ग्रोथ रेट 5.2% फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। आईएमएफ ने मंगलवार को अपने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक का जनवरी अपडेट जारी किया, जिसके अनुसार वैश्विक विकास 2022 में अनुमानित 3.4 प्रतिशत से गिरकर 2023 में 2.9 प्रतिशत होने का अनुमान जताया गया है, फिर 2024 में बढ़कर 3.1 प्रतिशत हो जाएगा।

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आईएमएफ के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट में कहा गया है, “2024 में आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत तक पहुंचने से पहले भारत में विकास दर 2022 के वित्त वर्ष में 6.8 प्रतिशत से घटकर 2023 में 6.1 प्रतिशत हो जाएगा।” रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में चीन की अर्थव्यवस्था में 4.3 प्रतिशत की अपेक्षा से अधिक मंदी के बाद उभरते और विकासशील एशिया (Emerging and Developing Asia) में वृद्धि 2023 और 2024 में क्रमशः 5.3 प्रतिशत और 5.2 प्रतिशत तक रहने की उम्मीद है।

वैश्विक संगठन ने अनुमान जताया है कि अगले साल 2024 में भी भारत की वृद्धि दर बढ़कर 6.8 फीसदी हो जाएगी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार, भारत के बाद चीन का नंबर है जहां 5.2 फीसदी दर रहने का अनुमान है। आईएमएफ के अनुमान के अनुसार विकसित देशों में सबसे ज्यादा नुकसान ब्रिटेन को होने का अनुमान है। पिछले लंबे समय से आर्थिक संकट का सामना कर रहे ब्रिटेन की साल 2023 में आर्थिक वृद्धि दर माइनस में जाने की उम्मीद है। ब्रिटेन में यह दर इस साल -0.6 रहने का अनुमान है।