मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप के साथ डील पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने अमेंजॉन की याचिका पर सहमति जताते हुए कंपनी ट्रिब्यनल को अगले आदेश तक इस डील को मंजूरी देने से रोक दिया, मामले की अगली सुनवाई पांच हफ्ते बाद होगी

Updated: Feb 22, 2021, 09:22 AM IST

Photo Courtesy : New Indian Express
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज की डील पर फिलहाल रोक लगा दी है। दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजॉन ने इस सौदे को अदालत में चुनौती दी थी। मामले पर अगली सुनवाई अब पांच हफ्ते बाद होगी। देश के रीटेल सेक्टर पर दबदबे के लिए रिलायंस और अमेजॉन में होड़ लगी है।

शीर्ष न्यायालय ने सोमवार को राष्ट्रीय कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) को किशोर बियानी की अगुवाई वाली फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) और मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल के बीच 24,713 करोड़ के सौदे को मंजूरी देने से रोक दिया। अमेजन की अपील को स्वीकारते हुए अदालत ने अंतरिम आदेश जारी किया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि NCLT एफआरएल और रिलायंस के बीच लेन-देन करने की योजना को मंजूरी नहीं देगा।

जस्टिस एफ नरीमन और बीआर गवई की पीठ ने फ्यूचर समूह की कंपनियों और बियानी को भी नोटिस जारी किया। कोर्ट ने अमेजॉन की याचिका पर लिखित जवाब देने को भी कहा है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि दिल्ली हाई कोर्ट की खंडपीठ मामले को आगे नहीं बढ़ाएगी क्योंकि शीर्ष न्यायालय ने मामले को जांच के लिए स्वीकार कर लिया है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल,  भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कुछ शर्तों के साथ इस सौदे को मंजूरी दी थी। रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहयोगी कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) ने फ्यूचर ग्रुप के रिटेल ऐंड होलसेल बिजनेस और लॉजिस्टिक्स ऐंड वेयरहाउसिंग बिजनेस को खरीदने का सौदा पिछले साल किया था। यह डील 24,713 करोड़ में फाइनल हुई है। लेकिन फ्यूचर रिटेल की पहले से सहयोगी अमेजॉन ने इस डील पर आपत्ति जताई थी।

अमेजॉन ने सिंगापुर में मध्यस्थता अदालत से लेकर सेबी, कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया। यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट में गया और वहां से फ्यूचर रिटेल को राहत मिल गई थी। इसके बाद अमेजॉन ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जहां से आज उसे तात्कालिक राहत मिल गई। रिलायंस और अमेजॉन के बीच देश के करीब एक ट्रिलियन डॉलर के रिटेल मार्केट पर दबदबा कायम करने के लिए बड़ी होड़ मची हुई है।