बारिश से खराब हुई फसल, खंडवा में कर्ज से परेशान आदिवासी किसान ने लगाई फांसी
अतिवृष्टि के कारण मृतक किसान की चार एकड़ की सोयाबीन की फसल खराब हो गई थी। पहले से लाखों रूपए का कर्ज चढ़ा हुआ था, परेशान किसान ने गांव के बाहर एक नीम के पेड़ पर फांसी लगाकर जान दे दी।
खंडवा। मध्य प्रदेश में किसान आत्महत्या का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आर्थिक तंगी और कर्ज के बोझ से परेशान होकर एक के बाद एक अन्नदाता अपनी जीवन लीला समाप्त कर रहे हैं। खंडवा की पंधाना विधानसभा के गांव गोराडिया में एक आदिवासी किसान ने आत्महत्या कर ली। अतिवृष्टि के कारण मृतक किसान की चार एकड़ की सोयाबीन फसल खराब हो गई थी। पहले से लाखों रूपए का कर्ज भी चढ़ा हुआ था।
दरअसल, मध्य प्रदेश में पहले अल्पवृष्टि ने किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया। अगस्त के महीने में बारिश न होने के कारण सोयाबीन व अन्य फसलों को काफी क्षति पहुंची। वहीं, सितंबर माह में अत्यधिक बारिश ने फसलों को बर्बाद कर दिया। पंधाना विधानसभा के गोराडिया गांव निवासी 48 वर्षीय पंधरी भील ने कर्ज लेकर चार एकड़ में सोयाबीन की बुआई की थी। शुरुआत में अल्पवृष्टि ने फसल को काफी नुकसान पहुंचाया। वहीं बाद में बारिश की मार से सोयाबीन की फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी थी।
बताया जा रहा है कि, किसान पर 3 लाख रुपए का कर्जा था। फसल नष्ट होने के कारण उसे कर्ज चुकाने की चिंता सता रही थी। साथ ही उसकी तीन बेटियां हैं जिनकी शादी को लेकर भी वह चिंतित था। किसान पंढरी ने बुधवार रात गांव के पास नीम के पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह ग्रामीणों ने पंधाना पुलिस को सूचना दी।
मृतक किसान की पत्नी राजकुमारी ने कहा कि सोयाबीन की फसल खराब होने के बाद से पति मानसिक रूप से परेशान और गुमसुम रहते थे। वह कहा करते थे फसल खराब हो गई, अब मैं कर्ज कहां से चुकाऊंगा। लेकिन हमें नहीं पता था कि वो इस तरह का कदम उठा लेंगे। बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में अल्पवृष्टि और सूखे से फसल नष्ट होने के कारण खंडवा के एक किसान ने आत्महत्या कर ली थी।