हमने राष्ट्रपति से करवाया था विधानसभा भवन का उद्घाटन, संसदीय परंपराएं तोड़ रही है बीजेपी: दिग्विजय सिंह
नए संसद भवन उद्घाटन को लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी पर बोला सीधा हमला, कहा- अपना चेहरा दिखाने के लिए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं पीएम मोदी
खंडवा। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला है। सिंह ने कहा कि पीएम अपना चेहरा दिखाने के लिए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं। सिंह ने इस दौरान अपने कार्यकाल की याद दिलाते हुए बताया कि मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने विधानसभा भवन का उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा से करवाया है।
दिग्विजय सिंह शनिवार को खंडवा दौरे पर थे। खंडवा शहर में सिंह ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, "सन 1996 में हमने मध्य प्रदेश विधानसभा भवन का उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा जी से करवाया था। उद्घाटन समारोह में नेता प्रतिपक्ष विक्रम वर्मा भी हमारे साथ थे। ये संसदीय परंपराएं हैं, स्थापित परमपराएं हैं। लेकिन भाजपा इन्हें तोड़ने पर तुली हुई है।"
हमने राष्ट्रपति से करवाया था विधानसभा भवन का उद्घाटन, संसदीय परंपराएं तोड़ रही है बीजेपी, अपना चेहरा दिखाने के लिए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं पीएम मोदी@digvijaya_28 @INCIndia @INCMP pic.twitter.com/vbDdVjJWjW
— humsamvet (@humsamvet) May 27, 2023
पूर्व सीएम ने आगे कहा कि, "राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हाईकोर्ट का उद्घाटन करने रांची जा सकती हैं, लेकिन दिल्ली रहकर भी संसद भवन का उद्घाटन नहीं कर सकती हैं। संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से न करवाना भाजपा की मानसिकता को दिखाता है कि वह आदिवासी महिला राष्ट्रपति का अपमान कर रही है। हमने ये कैसा प्रधानमंत्री चुना है। अहमदाबाद में सरदार पटेल स्टेडियम का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी स्टेडियम कर दिया।"
बता दें कि नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर केंद्र की मोदी सरकार चौतरफा घिरी हुई है। कांग्रेस समेत देश के 21 प्रमुख राजनीतिक दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। वहीं, केंद्र सरकार ने भी अड़ियल रवैया अख्तियार कर लिया है। कांग्रेस के कद्दावर नेता व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इससे पहले बुरहानपुर ने कहा था कि उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं करना सिर्फ राष्ट्रपति का नहीं बल्कि पूरे आदिवासी समुदाय का अपमान है।