प्रदेशभर में विरोध के बाद बैकफुट पर आए BJP मंत्री, क्षमा याचना करते हुए जारी किया बयान

मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री बिसाहुलाल सिंह राजपूत ने महिलाओं को लेकर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी, कांग्रेस नेता जयवर्धन सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा था हमने आंख उठाने वालों को माफ नहीं किया

Updated: Nov 27, 2021, 03:22 PM IST

भोपाल। शिवराज सरकार के बड़बोले खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह बैकफुट पर आ गए हैं। कांग्रेस MLA जयवर्धन सिंह और करणी सेना की चेतावनी के बाद बिसाहूलाल ने सार्वजनिक तौर पर क्षमा याचना की है। बीजेपी मंत्री ने कहा है कि मेरा मकसद किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था। उन्होंने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि मेरा उद्बोधन महिलाओं को सभी क्षेत्र में बराबरी देने को लेकर था।

दरअसल, अनूपपुर में सर्वजन सुखाय सामाजिक संस्था ने नारी रत्न सम्मान समारोह का आयोजन किया था। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मंत्री बिसाहूलाल सिंह को बुलाया गया था। यहां लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, 'ठाकुर लोग अपने घर की महिलाओं को घर के बाहर नहीं निकलने देते। ठाकुरों की महिलाओं को घर से पकड़कर बाहर निकालो। तभी समाज में समानता आएगी।'

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बिसाहूलाल के इस बयान ने राजपूत समाज के लोगों को आक्रोशित कर दिया। कांग्रेस के विधायक जयवर्धन सिंह ने उन्हें खुलेआम चेतावनी देते हुए कहा कि, 'आप हाथ पकड़कर घर से निकालने की बात करते हो, इतिहास गवाह है हमनें आँख उठाने वालों को माफ़ नहीं किया है।' सिंह ने यह भी कहा कि जमीर नीलामी में मंत्री को जो पैसे मिले हैं उससे उनका दिमाग ख़राब हो गया है। 

उधर करणी सैनिकों का भी गुस्सा सातवें आसमान पर था। दर्जनों जिलों में करणी सेना ने शुक्रवार को प्रदर्शन कर बिसाहुलाल सिंह का पुतला दहन किया। राजधानी भोपाल में करणी सेना ने मंत्री के घर के बाहर पुतला जलाया। इतना ही नहीं करणी सेना ने तो उन्हें खुलेआम धमकी दी थी कि वे जहां भी दिखेंगे जूतों से उनका स्वागत किया जाएगा और मुंह पर कालिख पोता जाएगा। करणी सेना के प्रदेश संगठन मंत्री शैलेन्द्र सिंह झाला ने करणी सैनिकों के लिए विवादित आदेश जारी कर कहा था कि राजपूत महिलाओं का अपमान करने वाला बिसाहूलाल जहां भी दिखे वहां घसीटकर उसकी पिटाई की जाए साथ ही उसका मुंह काला किया जाए। 

झाला ने कहा कि, 'इतिहास में समय-समय पर राजपूत महिलाओं ने देश और धर्म की रक्षा की है। हाड़ा रानी ने खुद की गर्दन काटकर पति को भेंट की थी। रानी पद्मावती ने जौहर कर धर्म का रक्षा की था। बिसाहूलाल हमारे ऊपर बोलने से पहले हमारा इतिहास देख लें।' मामला तूल पकड़ने के बाद बिसाहूलाल ने माफी मांग लेने में ही भलाई समझी। उन्होंने बयान जारी कर कहा कि, 'यदि मेरे वक्तव्य से कोई जाति या वर्ग क्षुब्ध हुआ है। तो मै बड़ी विनम्रता से कह रहा हूँ कि मेरे मन में ऐसा कोई भाव नहीं था। तब भी मुझे खेद व्यक्त करने या क्षमा मांगने में भी कोई गुरेज नहीं है।'