न चाय न चर्चा, बस लात-घूसा, सीएम शिवराज के गृहक्षेत्र में अफ़सरों ने की आदिवासी चायवाले की पिटाई

मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र बुदनी के भिलाई में फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने आदिवासी युवक के साथ की मारपीट, चाय का टपरी चलाता था युवक, वीडियो वायरल

Updated: Feb 12, 2021, 02:03 PM IST

बुधनी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृहक्षेत्र बुदनी में अफसरों की अमानवीयता सामने आई है। सीएम के क्षेत्र के बेलगाम अधिकारियों ने चाय की टपरी चलाने वाले एक आदिवासी युवक की पिटाई कर दी है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि अधिकारी एक युवक को पकड़कर थप्पड़ मार रहे हैं। मामले पर विपक्ष ने राज्य की सत्तारूढ़ बीजेपी को निशाने पर लिया है। 

मध्यप्रदेश कांग्रेस ने कहा है कि जब सीएम के गृहक्षेत्र का यह हाल है तो प्रदेश के दूर दराज़ के इलाकों का हाल क्या होगा। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस वीडियो को साझा भी किया है। कांग्रेस ने लिखा, 'शव'राज का जंगराज: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृहक्षेत्र बुदनी में पुलिस प्रशासन ने आदिवासी समाज के साथ की मार-पीट। शिव'राज जी, यह आपके गृहक्षेत्र के हाल है, प्रदेश की तो बात ही दूर है।' 

जानकारी के मुताबिक बुधनी विधानसभा क्षेत्र के भिलाई गांव में रहने वाले सब्जयाक बारेला के बेटे टीकाराम बारेला गांव में ही चाय की टपरी लगाकर परिवार का पेट पालते हैं। आदिवासी समाज से आने वाले टीकाराम ने बताया कि वे पिछले 12 साल से चाय की टपरी चला रहे थे। लेकिन आज अचानक से फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी आकर टपरी को तोड़ने लगे। इस कार्रवाई का विरोध करने पर उन्होंने टीकाराम के साथ हाथापाई की और मुझे वहां से भगा दिया।

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टीकाराम ने बताया है कि मारपीट करने वालों में डिप्टी अफसर नामदेव और नाकेदार परमार शामिल थे। उनका आरोप है कि अधिकारियों ने बिना कोई नोटिस दिए उनकी टपरी तोड़नी शुरू कर दी थी। इतना ही नहीं उन्हें मौखिक रूप से भी दुकान हटाने के लिए नहीं कहा गया था। उन्होंने कहा, 'यदि मुझे एक हफ्ते पहले दुकान हटाने को कहा गया होता तो मैं कहीं और चला जाता या कोई दूसरा काम ढूंढकर जीवन यापन करता। लेकिन अफसरों ने अचानक आकर टपरी ध्वस्त कर दी।

मामले पर वन अधिकार संघर्ष मोर्चा ने कड़ा विरोध व्यक्त किया है। संघर्ष मोर्चा कमेटी के सदस्य रेम सिंह बारेला ने कहा है कि वह कल एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर जांच कराने की मांग करेंगे। रेम सिंह बारेला ने आरोप लगाया है कि यह घटना राजनीतिक साजिश के तहत हुई है। उन्होंने कहा, 'टीकाराम एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर सक्रिय रहे हैं, और वे आदिवासी समाज को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं। यही बात राजनीतिक दल के लोगों को नागवार गुजरी जिस वजह से उन्होंने प्रशासन के साथ मिलकर गरीब का शोषण करना शुरू कर दिया है।