जनपद अध्यक्ष चुनाव में कांग्रेस का शानदार प्रदर्शन, 89 सीटों पर कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने मारी बाजी: केके मिश्रा

बीजेपी का 121 सीटों पर जीत का दावा, कांग्रेस बोली- हिम्मत है तो परेड करवाएं‌,‌‌‌ हमारी जीती सीटों को अपना बता कर कुर्सी बचाना चाहते हैं वी डी शर्मा, जनता और सत्य कांग्रेस के साथ है झूठ और धनबल भाजपा के साथ है

Updated: Jul 27, 2022, 06:18 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में पहले चरण में हुए जनपद पंचायतों के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों का आज चुनाव संपन्न हुआ। प्रदेश की 170 जनपद पंचायतों में अध्यक्ष चुने गए। कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने बताया कि इनमें 89 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों ने बाजी मारी है। हालांकि, बीजेपी का दावा है कि 121 सीटों पर भाजपा समर्थित उम्मीदवारों की जीत हुई है। बीजेपी के इस दावे पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि हिम्मत है तो वे परेड करवा दें।

कांग्रेस प्रत्याशियों के प्रदर्शन को लेकर कमलनाथ ने कहा कि, 'प्रदेश में पहले चरण के जनपद पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। जिला पंचायत सदस्य और नगर निकाय के चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद आज मिली जीत कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने वाली है। कांग्रेस को अपना आशीर्वाद देने के लिए मैं मध्य प्रदेश की जनता का आभारी हूं।'

कमलनाथ ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'एक बात और याद रखें कि प्रदेश में बैठी सत्ताधारी पार्टी एक बार फिर सत्ता के बल और झूठे आंकड़ों के दम पर अपने हाथ से अपनी पीठ ठोकने की कोशिश कर रही है। लेकिन हमें हर कीमत पर सत्य के साथ रहना है।' बीजेपी के इस दावे के जवाब में कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के के मिश्रा ने प्रेस कांफ्रेंस को भी संबोधित किया।

केके मिश्रा ने कहा कि, 'मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिला सीहोर के नसरुल्लागंज जनपद पंचायत जो मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र बुधनी में आता है, वहां भी कांग्रेस की जीत हो गई थी, लेकिन प्रशासन के दबाव में पर्चा वापस करा दिया गया। यहां से भाजपा के प्रत्याशी ने शिवराज सरकार की गलत नीतियों से नाराज होकर भाजपा से इस्तीफा देकर कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की। आप देवी सिंह धुर्वे को कांग्रेस जिंदाबाद के नारे लगाते हुए सुन सकते हैं।'

उन्होंने कहा कि इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के सुपुत्र जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में हार का मुंह देख चुके हैं। उज्जैन जनपद पंचायत चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की है। आप सब ने देखा की उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने किस तरह से अधिकारियों को धमकाया और आग लगाने तक की धमकी दी है। उन्होंने पुलिस से भी धक्का-मुक्की की है। यह उदाहरण अपने आप में यह बताने के लिए पर्याप्त है कि मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ मंत्री अपने-अपने गृह क्षेत्रों में चुनाव हार रहे हैं। इनकी हार छुपाने के लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा झूठे आंकड़े लेकर प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं। इसी तरह का काम उन्होंने जिला पंचायत सदस्यों के मामले में भी किया था।'

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मिश्रा ने पत्रकारों से कहा कि मैं आपको कांग्रेस के जीते हुए 11 जनपद पंचायत सदस्य की सूची उपलब्ध करा रहा हूं, आप फोन लगाकर इनकी तस्वीर देखकर या स्थानीय लोगों से बातचीत करके पता कर सकते हैं कि यह कांग्रेस के समर्थन से जीते हैं या नहीं। यही चुनौती आप भारतीय जनता पार्टी के मामले में भी कर लीजिए और मेरा दावा है की वी.डी. शर्मा जी ने जितने लोगों को भाजपा के टिकट पर जीता हुआ बताया है उनमें से 30 से 40 लोग दृढ़तापूर्वक यह कहेंगे कि वह कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं और भारतीय जनता पार्टी से उनका कोई लेना देना नहीं है।'

उन्होंने आगे कहा की पूर्व सीएम कमलनाथ के क्षेत्र छिंदवाड़ा, राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के गृह क्षेत्र राघौगढ़ और नेता प्रतिपक्ष के क्षेत्र लहार मैं कांग्रेस पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया है। रीवा, सीधी और उज्जैन आदि जगहों से भी कांग्रेस की जीत के समाचार आ रहे हैं। जबलपुर में 22 वर्षो बाद जनपद पंचायत में कांग्रेस ने विजय हासिल की है। कांग्रेस के प्रत्याशी विजयी न हो सके इसके लिए बड़वानी में भाजपा के गुंडों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमला किया। प्रदेश के सभी इलाकों ग्वालियर, चंबल, मालवा, निमाड़ बुंदेलखंड, महाकौशल, विंध्य और मध्यक्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों के जीतने के समाचार आ रहे हैं।