पत्रकारिता विश्वविद्यालय को कभी नहीं मिला दलित कुलपति, स्टूडेंट्स ने उपराष्ट्रपति और सीएम को लिखा पत्र

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में छात्रों ने उठाई दलित समाज से कुलगुरु बनाने की मांग, NSUI ने भी किया समर्थन

Updated: Dec 20, 2024, 06:52 PM IST

भोपाल। देशभर में बाबासाहेब अंबेडकर को लेकर सियासत गरमाई हुई है। इसी बीच भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में दलित कुलपति की मांग तेज हो गई है। MCU के स्टूडेंट्स ने इस संबंध में देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखा है। नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने भी छात्रों के इस मांग का समर्थन किया है।

छात्र तनय शर्मा ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को जबकि अमन पठान ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को इस संबंध में पत्र लिखा है। छात्रों ने लिखा है कि देश में संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। इस संविधान के शिल्पकार बाबा साहब अंबेडकर ने सर्व समाज को समानता दिलाने के उद्देश्य से संविधान को गढ़ा था। जिसमें पिछड़े वर्ग के लोगों को आगे लाने के लिए उन्होंने कुछ सुझाव दिए थे। जिनमें से एक सुझाव था राजनीतिक और शैक्षणिक क्षेत्र में दलितों एवं पिछड़ों को प्रतिनिधित्व। MCU भोपाल में इतिहास में कभी भी दलित समाज से कुलगुरु नियुक्त नहीं किया गया है। संविधान के अनुसार सभी वर्ग के लोगों को समान प्राथमिकता देना हमारे देश की मूल भावना रही है। हमारी मांग है कि इस बार दलित समाज से आने वाले योग्य व्यक्ति को विश्वविद्यालय का कुलगुरु बनाया जाए। जिससे कि हमारे विश्वविद्यालय में भी सामाजिक समरसता का उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया जा सके।'

छात्रों ने पत्र में आगे लिखा है कि विश्वविद्यालय के छात्रों एवं पूर्व छात्रों के द्वारा वंडर बुक ऑफ रिकार्ड इंटरनेशनल लंदन से सम्मानित अरुण खोबरे को कुलगुरु बनाए जाने की माँग की जा रही है। मैं आपको निश्चिंत करना चाहता हूँ कि छात्रों की ये माँग किसी आवेश या त्वरित विचार में नहीं की गई है। बल्कि पत्रकारिता के विद्यार्थी होने के नाते छात्रों के पास भी तुलनात्मक दृष्टिकोण ने उन्हें यह माँग करने के लिए प्रेरित किया है। हमारा विश्वविद्यालय माखनलाल चतुर्वेदी के नाम पर स्थापित किया गया था, जो एक महान पत्रकार, कवि और स्वतंत्रता सेनानी थे। उनकी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए, हमें लगता है कि दलित समाज से आने वाले योग्य व्यक्तित्व को कुलगुरु बनाना एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

NSUI प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने भी वीडियो जारी कर स्टूडेंट्स के इस मांग का समर्थन किया है। चौकसे ने कहा कि वर्तमान में देश व प्रदेश में भाजपा सरकार दलितों व बाबा साहब का अपमान कर रही है, देश के सबसे बड़े पत्रकारिता के विश्वविद्यालय में लगातार दलित छात्रों व दलित शिक्षकों का अपमान किया जा रहा है। इस कठिन समय में दलित समाज के साथ कांग्रेस और एनएसयूआई सदैव खड़ी रहेगी। हमारी मांग है कि इस भेदभाव को दूर करने के लिए विश्वविद्यालय में दलित समाज से आने वाले योग्य व्यक्तित्व को कुलगुरु बनाया जाना चाहिए जिससे सामाजिक एकता का उदाहरण स्थापित हो सके ।

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छात्रों की इस मांग पर डॉ अरुण खोबरे ने भी प्रतिक्रिया दी है। खोबरे ने कहा कि मैं विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं और पूर्व विद्यार्थियों की भावनाओं का सम्मान करता हूं। मैं कभी किसी पद की आशा में नहीं रहता और न ही मैं कुलपति पद के लिए किसी रेस में हूं। यह छात्र-छात्राओं का प्रेम और विश्वास है जो इस तरह की मांग उठी है।