बैंक के सामने पासबुक रख कर रात भर ज़मीन पर लेटे रहे किसान, बैंक प्रबंधकों पर अपने परिचितों को पहले टोकन देने का लगा आरोप
शमशाबाद सहकारी बैंक का मामला, अपने खातों से पैसे निकलवाने के लिए रतजगा करने पर मजबूर हुए किसान, टोकन पाने के लिए पासबुक ज़मीन पर रखकर रात भर लेटे रहे, बैंक प्रबंधन की टोकन व्यवस्था पर भी लगाए आरोप
विदिशा। कभी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संसदीय क्षेत्र रहे विदिशा में किसान बैंक के बाहर ज़मीन पर लेटने पर मजबूर हो गए। बैंक से अपने पैसे निकलवाने के लिए अपनी बारी का इंतज़ार करते किसान रात भर बैंक के सामने पासबुक रखकर लेटे रहे। किसानों ने बैंक की टोकन व्यवस्था पर सवाल उठाए। किसानों ने बैंक प्रबंधन पर पहले अपने परिचितों को तरजीह देने का आरोप भी लगाया।
यह मामला विदिशा के शमशाबाद के ज़िला सहकारी बैंक का है। कुछ दिन पहले शमशाबाद सहकारी बैंक के कुछ कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो गए थे। जिस वजह से बैंक पर ताला जड़ दिया गया था। मंगलवार को जब बैंक खुला तब अपने खातों से बीमा राशि सहित अन्य राशि निकलवाने के लिए बड़ी संख्या में किसान सहकारी बैंक पहुंच गए।
बैंक के सामने पासबुक रख कर रात भर ज़मीन पर लेटे रहे किसान, बैंक प्रबंधकों पर अपने परिचितों को पहले टोकन देने का लगा आरोप@AnumaVidisha |@JansamparkMP |@INCMP |#BJP |#ShivrajSinghChouhan pic.twitter.com/tYWig0XYU7
— humsamvet (@humsamvet) May 28, 2021
किसानों का हुजूम देखकर बैंक प्रबंधन के होश उड़ गए। इसलिए बैंक प्रबंधन ने टोकन व्यवस्था शुरू करने का मन बनाया। जिसके तहत एक दिन में 150 किसानों को टोकन दिया जाना था। टोकन व्यवस्था की बात किसानों को कहकर उन्हें बैंक से वापस लौटा दिया गया।
लेकिन बुधवार को बुद्ध पूर्णिमा के चलते बैंक की छुट्टी थी। लिहाज़ा किसान टोकन पाने की जद्दोजहद में बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात में ही बैंक पहुंच गए और अपने पासबुक को बैंक के बाहर ज़मीन पर रख दिया। इस बीच किसान मोदी सरकार और शिवराज सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी करने लगे। उन्होंने बैंक प्रबंधकों पर पहले अपने परिचितों को तरजीह देने का आरोप भी लगाया।