चंबल के पूर्व दस्यु किंग मलखान सिंह कांग्रेस में शामिल, शिवराज सरकार को उखाड़ फेंकने का लिया संकल्प

80 के दशक तक डकैतों का राजा कहलाने वाले पूर्व डकैत मलखान सिंह ने कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस जॉइन की है। मलखान सिंह ने कहा कि अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए उठाया कांग्रेस झंडा।

Updated: Aug 09, 2023, 04:36 PM IST

भोपाल। चार दशक पहले चंबल के बीहड़ में डकैतों का राजा कहलाने वाले पूर्व दस्यु किंग मलखान सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। बुधवार को मलखान सिंह ने कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान सागर और छतरपुर में जिला शिक्षा अधिकारी रहे संतोष शर्मा ने भी कांग्रेस जॉइन की।

कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद पूर्व डकैत मलखान सिंह ने कहा कि मैंने पहले भी अन्याय के खिलाफ बंदूक उठाई थी, आज भी अन्याय के खिलाफ बिगुल बजाया है। अन्याय और अत्याचार नहीं बढ़ता तो मैं बागी नहीं बनता। सिद्धांत वाली पार्टी जानकर भाजपा के लिए कभी प्रचार किया था, लेकिन भाजपा में अब अन्याय-अत्याचार बढ़ गया है। रेप हो रहे हैं, लोगों की जमीनें छीनी जा रही हैं, इसीलिए मैंने भाजपा का त्याग किया और कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया।'

मलखान सिंह ने आगे कहा, 'मध्य प्रदेश में आज देश में सबसे ज्यादा महिला अपराध हो रहे हैं। हालात यह है कि बच्चियों को कॉलेज और स्कूल जाने में डर लगता है। आए दिन बलात्कार की घटनाएं हो रही है। हम शिवराज सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लेते हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को साफ कर देंगे। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी और कमलनाथ मुख्यमंत्री होंगे।'

मलखान सिंह ने भाजपा छोड़ने को लेकर कहा कि, 'बीजेपी की सरकार में मुझे अन्याय बर्दाश्त नहीं हुआ और इसलिए मैंने पार्टी को छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया है। बीजेपी सरकार में गरीबों की जमीन छीनी जा रही है। मध्य प्रदेश के शिवपुरी, गुना और अशोक नगर में बीजेपी का सबसे ज्यादा आतंक और अत्याचार है। यहां गरीबों की जमीनों पर कब्जे किए जा रहे हैं। विरोध करने पर झूठे केस लगाकर उन्हें जेल भेज दिया जाता है। बेकसूर लोगों पर कई झूठे केस लगा दिए गए। बीजेपी का यह अन्याय मुझे बर्दाश्त नहीं है। इसी अन्याय के खिलाफ में 15 सालों तक बीहड़ों में जिंदगी काटता रहा।' 

इस दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि भाजपा मलखान सिंह को 20 साल साथ रखकर शोषण करती रही। मलखान सिंह अन्याय के खिलाफ बागी हुए थे। उन्होंने भाजपा में अन्याय होते देखा तो भाजपा के खिलाफ बगावत की। बता दें कि एक समय चंबल क्षेत्र मलखान सिंह के नाम से थर्राता था। मलखान सिंह को डकैतों का राजा कहा जाता था। हालांकि शुरू से ही मलखान सिंह को डकैत कहलाना पसंद नहीं था। मलखान सिंह खुद को बागी कहते थे। मलखान सिंह ने 15 जून 1982 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सामने सरेंडर किया, उस समय तक मलखान सिंह पर 94 आपराधिक मामले दर्ज हो चुके थे।