हैनीट्रैप की सीडी पहली बार कोर्ट में पेश, एसआईटी ने बंद चेंबर में वीडियो देखे जाने की वकालत की

फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी की जांच में सही पाए जाने के बाद वीडियो को सीलबंद हार्ड डिस्क में कोर्ट में पेश किया गया है, एसआईटी का कहना है कि वीडियो अंतरंग हैं, ऐसे में इसे बंद चेंबर में ही देखा जाना चाहिए।

Updated: May 18, 2023, 05:30 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के चर्चित हनीट्रैप कांड की सीडी (CD) पहली बार कोर्ट में पेश किए गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने भोपाल कोर्ट में एक सील बंद हार्ड डिस्क में वीडियो पेश की है। सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी से सत्यापित होने के बाद वीडियो को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया है। इसका मतलब है कि ये वीडियो ओरिजिनल हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक ने वीडियो की हार्ड डिस्क कोर्ट में पेश करते हुए एसआईटी ने अर्जी दी है कि ये तमाम वीडियो अंतरंग हैं। आरोपी अथवा उनके वकीलों को ये वीडियो उपलब्ध न कराए जाएं। साथ ही केस की सुनवाई बंद चैंबर में हो और वीडियो बंद चैंबर में ही देखे जाएं। यानी सुनवाई के दौरान चैंबर में न्यायाधीश और दोनों पक्षों के वकीलों के अलावा किसी और को अनुमति न दी जाए।

बताया जा रहा है कि एसआईटी के हेड एडीजी विपिन माहेश्वरी के पत्र के साथ वीडियो वाली ये हार्ड डिस्क भोपाल में जज स्मृता सिंह ठाकुर की कोर्ट में पेश की गई हैं। जांच एजेंसी ने हनी ट्रैप केस से जुड़े मानव तस्करी के मामले की आरोपी श्वेता विजय जैन और आरती दयाल के वॉयस सैंपल लेने के लिए कोर्ट में आवेदन लगाया है। कोर्ट इस पर गुरुवार को सुनवाई करेगी।

बता दें कि हनीट्रैप मामले में एक कॉलेज छात्रा को आरोपियों ने चंगुल में फंसाकर उसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया था। इस छात्रा को चुनिंदा लोगों के पास भेजकर उसके अंतरंग वीडियो बनाए गए थे। ये वीडियो आरोपियों से जब्त इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में पाए गए थे। इनकी सत्यता जानने के लिए एसआईटी ने ये वीडियो सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी को भेजे गए थे। सीएफएसएल रिपोर्ट में बताया है कि सभी वीडियो सही हैं और कौन सा वीडियो किस तारीख को रिकॉर्ड किया गया है।

जानकारी के मुताबिक ऐसे 5 से ज्यादा अंतरंग पलों के वीडियो इस हार्ड डिस्क में हैं। इनमें सत्ताधारी दल के प्रभावशाली नेताओं और बड़े अधिकारियों के विडियो हो सकते हैं। वीडियो के आधार पर एसआईटी कोर्ट में ये प्रमाणित करने की कोशिश करेगी कि छात्रा को अलग-अलग लोगों के पास भेजकर उनके अंतरंग पलों के वीडियो रिकॉर्ड किए जा रहे थे। छात्रा ने शुरुआती बयान में कबूल भी किया था कि उसे प्रभावशाली लोगों के पास भेजकर ब्लैकमेलिंग के लिए वीडियो बनाए जा रहे थे। लेकिन बाद में वह बयान से पलट गई।