बार काउंसिल की सदस्यता के बदले आइसक्रीम पार्टी, MP हाईकोर्ट ने वकील से कर दी ये डिमांड
उच्च न्यायालय ने वकील से कहा कि बार काउंसिल के सदस्यों के प्रति अपना स्नेह जताने के लिए आइसक्रीम पार्टी का आयोजन करें।

जबलपुर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने हाल ही में दतिया जिला बार एसोसिएशन के एक मामले में दिलचस्प निर्देश दिए हैं। उच्च न्यायालय ने बार काउंसिल की सदस्यता बहाल करने के बदले वकील को आइसक्रीम पार्टी आयोजित करने के निर्देश दिए। अदालत ने कहा कि बार काउंसिल के सदस्यों के प्रति अपना स्नेह जताने के लिए ये आयोजन किया जाए।
दरअसल, दतिया जिला न्यायालय के वकील राम सहाय चिरोलिया के खिलाफ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहते अपने कार्यकाल के दौरान धन के कथित गबन के आरोप लगे थे। इसके बाद बार काउंसिल की उनकी सदस्यता भी निलंबित कर गई थी। चिरोलिया की सदस्यता 2020 में जिला बार एसोसिएशन द्वारा इस आरोप में निलंबित कर दी गई थी कि अध्यक्ष के का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, वह बार काउंसिल की एक निश्चित राशि जमा करने में विफल रहे थे।
हालांकि, चिरोलिया ने गबन के आरोप से इनकार किया और कहा कि उन्हें जारी किए गए कारण बताओ नोटिस में महज 4 हज़ार 565 रुपए का उल्लेख है। उन्होंने अदालत से कहा कि वह इसे जमा कर देंगे। जस्टिस आनंद पाठक और जस्टिस राजेंद्र कुमार वाणी की डिविजन बेंच ने उनके प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और सदस्यता बहाली के आदेश दिए।
कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि चिरौलिया के विरुद्ध कार्रवाई नियमों के अनुसार नहीं थी। पीठ ने कहा कि चूंकि बार एसोसिएशन राज्य बार काउंसिल के मॉडल बाय लॉस द्वारा गवर्न होती है, इसलिए सदस्यता हटाने या रद्द करने के निर्णय को जनरल बॉडी द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक है। कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता की सदस्यता निलंबित करने से पहले स्टेट बार काउंसिल से परामर्श किया जा सकता था। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।
इस प्रकार न्यायालय ने चिरोलिया की सदस्यता निलंबित करने संबंधी निर्णय को रद्द कर दिया। यानी उनकी बार काउंसिल की सदस्यता बहाल कर दी गई। चुंकी, चिरोलिया ने सदस्यता बहाली पर बार काउंसिल को पार्टी देने का वचन दिया था, कोर्ट ने उनसे कहा कि काउंसिल के प्रति अपना स्नेह जताते हुए आईसक्रीम पार्टी का आयोजन करें।