MP में खाद संकट पर बरसे कमलनाथ, कहा- किसानों को राहत देने की बजाए इवेंट में व्यस्त है सरकार
आँकड़े बताते हैं कि सरकार की लापरवाही और अदूरदर्शिता के कारण कुल माँग के अनुपात में बहुत कम खाद की आपूर्ति हो सकी है, यही कारण है कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल पा रही है: कमलनाथ
भोपाल। मध्य प्रदेश में खाद संकट गहराता जा रहा है। प्रदेश में बड़े पैमाने पर खाद की किल्लत उत्पन्न हो गई है। स्थिति ये है कि किसानों को एक बोरी खाद के लिए दिन-रात कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है। इसके बावजूद उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। खाद की किल्लत और वितरण में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य सरकार पर हमला बोला है।
कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'मध्य प्रदेश का किसान खाद संकट से जूझ रहा है और सरकार किसानों को राहत देने की बजाय इंवेट और चुनाव प्रचार में व्यस्त है। हैरानी की बात है कि केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के गृह जिले में भी खाद का भीषण संकट बरकरार है। किसान पूरी पूरी रात जागकर खाद मिलने का इंतज़ार कर रहे हैं, सरकार आँख और कान बंद कर अपनी मस्ती में मस्त है।'
कमलनाथ ने आगे लिखा, 'आँकड़े बताते हैं कि सरकार की लापरवाही और अदूरदर्शिता के कारण कुल माँग के अनुपात में बहुत कम खाद की आपूर्ति हो सकी है, यही कारण है कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल पा रही है। जब केन्द्रीय कृषि मंत्री के राज्य मध्य प्रदेश और ख़ासतौर से उनके गृह जिले सीहोर में ही खाद का संकट है, तो पूरे प्रदेश और देश के हालात का आप अनुमान लगा सकते हैं। डबल इंजन सरकार का नारा ज़मींदोज़ हो चुका है। अब डबल बर्बादी जारी है।'
कमलनाथ ने सीएम यादव को निशाने पर लेते हुए कहा कि खाद का संकट कोई प्राकृतिक आपदा नहीं है। यह आपकी सरकार की अनदेखी और कृषि विभाग की अधूरी तैयारियों का नतीजा है। सरकार का दायित्व होता है कि किसानों के लिये पर्याप्त मात्रा में खाद बीज की समय से पहले व्यवस्था कर ली जाय, ताकि माँग और पूर्ति का संतुलन बना रहे, लेकिन आपकी सरकार नफ़रत फैलाने और लोगों को लड़ाने में इतना व्यस्त रहती है कि खाद-बीज जैसे ज़रूरी काम प्राथमिकता में ही नहीं रहते।