हर नागरिक पर 30 हजार से अधिक का कर्ज लाद चुकी है शिवराज सरकार, कमल नाथ ने की श्वेत पत्र जारी करने की मांग

कमल नाथ ने सीएम शिवराज को लिखा पत्र, प्रदेश के वास्तविक आर्थिक हालात से अवगत कराने हेतु की श्वेत पत्र जारी करने की मांग

Updated: Aug 26, 2021, 01:14 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के बिगड़ते आर्थिक हालात को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला है। कमल नाथ ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया है कि अपनी नीतियों के कारण पंद्रह साल के अपने कार्यकाल में शिवराज सरकार ने प्रदेश के हर नागरिक के ऊपर 30 हजार रुपए से अधिक का कर्ज लाद दिया है। कमल नाथ ने प्रदेश की जनता को सच्चाई से अवगत कराने के लिए श्वेत पत्र जारी किए जाने की मांग की है। 

पीसीसी चीफ ने इस सिलिसिले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। कमल नाथ ने अपने पत्र में कहा है कि मार्च 2021 तक की स्थिति में राज्य सरकार पर 2.53 लाख करोड़ का कर्ज हो चुका है। जबकि प्रदेश का वार्षिक बजट 2.41 लाख करोड़ का ही है।

कांग्रेस नेता ने सीएम को लिखे पत्र में निशाना साधते हुए कहा है कि पिछले डेढ़ वर्ष में प्रदेश सरकार 32 मर्तबा कर्ज ले चुकी है, जिसकी राशि 49,800 करोड़ से अधिक है। कमल नाथ ने आगे कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा अब तक लिये गये कर्ज के मात्र ब्याज भुगतान में गत वर्ष लगभग 16,500 करोड़ रूपये व्यय हुए हैं और वार्षिक देय ब्याज भार निरन्तर बढ़ता जा रहा है।

कांग्रेस नेता ने अपने पत्र में सीएम को लिखा है कि सरकार द्वारा लिये गये कर्ज पर देय ब्याज की दर 6.5% - 7% प्रतिवर्ष है जो कि अधिक है। विगत 15 वर्षों में भी प्रदेश सरकार द्वारा निरंतर कर्ज लिया गया है। आज प्रदेश के प्रत्येक नागरिक पर औसतन 30 हजार रूपये से अधिक का कर्ज हो चुका है ।

कमल नाथ ने महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों को उठाते हुए कहा है कि आज प्रदेश का आमजन मंहगाई की मार से पीड़ित है। पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, खाद्य सामग्रियों और कृषि के लिए आवश्यक आदानों के भाव आसमान छू रहे हैं और सरकार द्वारा बढ़े हुए भावों पर बढ़ी हुई टेक्स की राशि वसूली जा रही है और सम्पूर्ण भार आमजन पर ही पड़ रहा है। पेट्रोल, डीजल एवं शराब पर टेक्स से सरकार की आय में निरन्तर अत्यधिक वृद्धि हुई है परन्तु अधिक आय के बाद भी सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही हैं। प्रदेश सरकार की अदूरदर्शी नीतियों एवं वित्तीय कुप्रबंधन का ही परिणाम है कि आज प्रदेश की विकास दर कम हो गई है और कर्ज लेने की गति निरन्तर बढ़ी हुई है। आज हमारा प्रदेश एक कर्जेदार प्रदेश बन चुका है ।

कमल नाथ ने कहा है कि आज प्रदेश के विकास की योजनाएँ ठप्प पड़ी हुई हैं, सड़कों के हाल बेहाल हैं, आमजन जर्जर सड़कों के गड्ढे गिन-गिन कर बता रहे हैं, किसानों की कर्ज माफी की योजना बन्द पड़ी है, युवाओं के लिए स्वरोजगार की योजनाओं में कोई कार्य नहीं हो रहा है और शासकीय सेवाओं के लिए भर्ती की सम्पूर्ण कार्यवाही भी स्थगित पड़ी हुई है, कन्याओं के विवाह के लिए सामूहिक कार्यक्रम भी नहीं हो रहे हैं और न ही कोई सहायता राशि जारी हो रही है। 

पीसीसी चीफ ने कोरोना संकट का जिक्र करते हुए कहा कि महामारी के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के कारण लाखों प्रदेशवासियों ने अपनों को खो दिया है, सरकारी कर्मचारी एवं पेंशनर्स को मंहगाई भत्ता एवं अन्य सुविधाएँ नहीं मिल रही हैं, आमजन सर्वत्र परेशान है और सरकार विकास के नाम पर हजारों करोड़ का कर्ज लेकर केवल प्रचार-प्रसार और दिखावटी उत्सवों और आयोजनों में लगी हुई है। 

शिवराज सरकार द्वारा अपने विज्ञापन पर खर्च की गई बड़ी रकम का उल्लेख करते हुए कमल नाथ ने सीएम से कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा विगत डेढ़ वर्ष में विज्ञापन एवं प्रचार-प्रसार पर 25,600 लाख रूपये से अधिक की राशि का व्यय कर आमजन से वसूली गई टेक्स की राशि का अपव्यय किया है। भारी कर्ज लेने के साथ-साथ अब तो सरकार शासकीय सम्पत्तियों का विक्रय कर धन उगाहने की योजना की ओर भी बढ़ रही है। आज प्रदेश की आर्थिक स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। प्रदेश की आम जनता इन स्थितियों से चिंतित और परेशान है, एवं जानना चाहती है कि हमारे प्रदेश में वास्तविक आर्थिक हालात कैसे हैं और सरकार का वित्तीय प्रबंधन क्या है ? सरकार को प्रदेश की वर्तमान आर्थिक स्थितियों पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए ।

कमल नाथ ने पत्र में सीएम से कहा है कि मैं मांग करता हूँ कि सरकार प्रदेश की वर्तमान आर्थिक स्थितियों पर श्वेत पत्र जारी करे ताकि प्रदेश के आमजन को राज्य के वास्तविक आर्थिक हालातों और वित्तीय प्रबंधन की वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त हो सके।