निर्वाचित कांग्रेस प्रत्याशी को प्रमाण पत्र लौटाने की धमकी, दिग्विजय सिंह ने मंत्री सारंग पर लगाए गंभीर आरोप

जीत का सर्टिफिकेट लेकर दिग्विजय सिंह के पास पहुंचे नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य के पति, जिला प्रशासन बना रहा प्रमाणपत्र लौटाने का दबाव, दिग्विजय सिंह बोले- माफी मांगें सीएम शिवराज

Updated: Jul 16, 2022, 09:47 AM IST

टीकमगढ़। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव के दौरान लगातार गड़बड़ियां देखने को मिल रही है। जीते हुए उम्मीदवारों को हराने का खेल निरंतर जारी है। इसी क्रम में टीकमगढ़ जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य पर सर्टिफिकेट लौटाने का दबाव बनाया जा रहा है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने इस घटना को लेकर आपत्ति जताई है।

मामला टीकमगढ़ जिले के वार्ड 17 का है। यहां कांग्रेस नेता अयोध्या प्रसाद यादव की पत्नि अहीर वती देवी जिला पंचायत सदस्य के रूप में निर्वाचित हुईं। स्वयं जिला कलेक्टर ने उन्हें शुक्रवार 15 जुलाई 2022 को जीत का प्रमाण पत्र सौंपा था। कलेक्टर ने उन्हें प्रमाण पत्र सौंपकर बधाई दी और वे घर चले आए। लेकिन देर रात उन्हें धमकी दी गई की सर्टिफिकेट वापस कर दो।

अयोध्या प्रसाद यादव के घर देर रात एसडीएम और स्थानीय पुलिस अधिकारी पहुंचे। उन्होंने सर्टिफिकेट लौटाने की बात कही और नहीं देने पर एफआईआर दर्ज करने की धमकी दी। शनिवार सुबह अयोध्या प्रसाद पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के पास पहुंचे और बताया कि प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग के इशारे पर प्रशासन दबाव बना रही है।

दिग्विजय सिंह ने मामले पर बयान जारी कर आपत्ति जताई है। सिंह ने कहा कि, 'पूरे प्रदेश में भाजपा के नेता-मंत्री कांग्रेस समर्थित जनपद और जिला पंचायत के निर्वाचित सदस्यों को इसी तरह डरा धमका कर उन्हें प्रमाण पत्र वापिस करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। ये घोर आपत्ति जनक है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान माफी मांगें। हम डरने वाले नही हैं लड़ेंगे और जीतेंगे।'