महाकाल लोक निर्माण में भी करोड़ों का भ्रष्टाचार, कलेक्टर समेत 15 अफसरों को लोकायुक्त का नोटिस
बमुश्किल दस दिन पहले 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस महाकाललोक का लोकार्पण किया, वहाँ भी भ्रष्टाचार की परतें खुलने लगी हैं.. पूर्व सीएम कमलनाथ ने सवाल उठाते हुए जांच की मांग की है
उज्जैन। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बहुप्रचारित महाकाल लोक निर्माण में भ्रष्टाचार की परतें खुलने लगी है। लोकायुक्त ने करोड़ों के भ्रष्टाचार के मामले में उज्जैन कलेक्टर समेत 15 अफसरों को नोटिस भेजा है। आरोप है कि प्रोजेक्ट में नियमविरुद्ध चहेते ठेकेदारों को ठेका दिया गया। मामला सामने आने के बाद विपक्ष शिवराज सरकार पर हमलावर है।
दरअसल, कांग्रेस विधायक महेश परमार ने महाकाल लोक के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार की शिकायत भोपाल में लोकायुक्त संगठन में की है।शिकायत के आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने जांच शुरू की है। उज्जैन स्मार्ट सिटी के सीईओ अंशुल गुप्ता ने पद का दुरुपयोग कर ठेकेदार एमपी बावरिया को नियम विरुद्ध लोहे की जीआई शीट के आइटम को पॉली कार्बोनेट शीट से बदलकर एक करोड़ का फायदा पहुंचाया।
अब उज्जैन के महाँकाल लोक के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार की खबरें , बेहद चिंताजनक है…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 21, 2022
इन खबरों से करोड़ों लोगों की भावनाएँ आहत हुई है।
इसकी निष्पक्ष , उच्च स्तरीय जाँच होना चाहिये।
इसके दोषी कोई भी हो , बख्शे नहीं जाना चाहिये।
लोकायुक्त संगठन ने शिकायत की प्राथमिक जांच के आधार पर एक आईएएस सहित कुल अफसरों को नोटिस भेजा गया है। जवाब मिलने के बाद आगे एफआईआर दर्ज हो सकती है। सभी को 28 अक्टूबर तक जवाब देना है। लोकायुक्त संगठन ने टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी, मनमर्जी से भुगतान, चहेतो को टेंडर देना, घटिया निर्माण कार्य, पद का दुरुपयोग, शासन को हानि पहुंचाने के संबंध में इनसे जवाब मांगा है।
मामला सामने आने के बाद कमलनाथ ने राज्य सरकार को निशाने पर लिया है। कमलनाथ ने एक ट्वीट थ्रेड में लिखा कि, 'शिवराज सरकार में हर योजना, हर काम में भ्रष्टाचार के मामले सामने आते हैं। चाहे वर्तमान में पोषण आहार का मामला हो, ग़रीबों को राशन का मामला है, कारम डैम निर्माण का का मामला हो या पूर्व के सिंहस्थ से लेकर पौधारोपण, व्यापमं, डंपर, ई-टेंडर व अन्य मामले हो। अब उज्जैन के महाँकाल लोक के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार की खबरें , बेहद चिंताजनक है… इन खबरों से करोड़ों लोगों की भावनाएँ आहत हुई है। इसकी निष्पक्ष, उच्च स्तरीय जाँच होना चाहिये।
इसके दोषी कोई भी हो, बख्शे नहीं जाना चाहिये।'
उज्जैन में बीते 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया था। लेकिन मध्य प्रदेश में ये कॉरिडोर निर्माण भी भ्रष्टाचार से बच नहीं पाया। महाकाल लोक का निर्माण दो चरणों में किया जा रहा है। इस पर दोनों चरणों में 856 करोड़ रुपए खर्च का बजट है। इसमें प्रथम चरण में 316 करोड़ से प्रथम चरण का काम पूरा हो गया।
माननीय प्रधानमंत्री जी जब उज्जैन पधारे तो उनके लिए सरकारी पैसे से भीड़ जोड़ने की उचित व्यवस्था की गई। जनता के पैसे से 1300 बसें बुलाई गई। 100 मैजिक अलग से। कुल कितने करोड़ खर्च हुए आप खुद पढ़ लें। तमाशे का बाकी खर्च इसमें शामिल नहीं है। pic.twitter.com/dQoNzCcXoK
— Piyush Babele पीयूष बबेले (@BabelePiyush) October 20, 2022
इससे पहले पीएम मोदी के दौरे में भीड़ जुटाने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपए फूंक दिए। जानकारी के मुताबिक सरकारी खर्चे पर प्रदेशभर से 1300 बसें और 100 मैजिक बुलाई गई थी। इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग ने करीब 3 करोड़ 40 लाख रुपए खर्च किए।