MBBS के सिलेबस पर विवाद, कमलनाथ बोले, देश के स्वर्णिम इतिहास में हेडगेवार-दीनदयाल का कोई योगदान नहीं

मध्य प्रदेश में RSS के संस्थापक हेडगेवार की जीवनी पढ़कर डॉक्टर बनेंगे छात्र, कमलनाथ बोले- एजेंडा थोपने का काम न करे बीजेपी, वीडी शर्मा ने हेडगेवार और दिनदयाल को बताया आदर्श

Updated: Sep 06, 2021, 03:40 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में मेडिकल के छात्र अब आरएसएस और जनसंघ के संस्थापकों की जीवनी पढ़कर डॉक्टर बनेंगे। शिवराज सरकार के इस फैसले पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने आपत्ति जताई है। पीसीसी चीफ ने नसीहत दी है कि स्वास्थ्य जैसे पवित्र पेशे में बीजेपी अपना एजेंडा न थोपे। वहीं बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इस फैसले को जायज करार देते हुए कहा है कि वे देश के लिए आदर्श हैं।

कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि, 'बीजेपी शुरू से ही अपनी विचारधारा और अपने खास एजेंडे को लोगों पर थोपने का काम करती रहती है, चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या अन्य क्षेत्र हो। पूरा देश जानता है कि बीजेपी के लोगों का आजादी के संघर्ष से लेकर, देश के स्वर्णिम इतिहास में कोई योगदान नहीं है। लेकिन बीजेपी इतिहास को तोड़ने मरोड़ने और अपनी विचारधारा को थोपने का काम करती रहती है।' 

कांग्रेस नेता ने पूछा है कि हेडगेवार और दीनदयाल ने देश की आजादी के संघर्ष से लेकर देश के विकास में ऐसे कौन से उल्लेखनीय कार्य किए हैं जो इनके विचारों से पवित्र स्वास्थ्य के पेशे के छात्रों को अवगत कराया जाए? उन्होंने बीजेपी को नसीहत देते हुए कहा कि सरकार निष्पक्ष भावना से महापुरुषों के विचारों से छात्रों को अवगत कराने का काम करें ना कि अपने राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति व खास विचारधारा के एजेंडो को थोपने का काम करें।

कमलनाथ के इस बयान पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा है कि हेडगेवार और दीनदयाल उपाध्याय देश के लिए आदर्श हैं। शर्मा ने कहा, 'डॉक्टरों को भी यह जानना चाहिए कि देश के किसने क्या किया है?  हेडगेवार ने देश को एक सूत्र में बांधने का काम किया है। यह गर्व की बात है कि देश को एक सूत्र में बांधने के लिए उन्होंने RSS की स्थापना कर बड़ा विचार देश को दिया है।'

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दरअसल, मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने इस सत्र से मेडिकल के छात्रों को आरएसएस के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार और जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय के बारे में पढ़ाने का निर्णय किया है। एमबीबीएस के कोर्स में इन विचारकों के बारे में लेक्चर दिए जाएंगे। इन्हें मेडिकल एथिक्स के टॉपिक का हिस्सा बनाया गया है। 

एमबीबीएस का कोर्स नेशनल मेडिकल काउंसिल निर्धारित करती है। लेकिन उस टॉपिक में क्या लेक्चर होंगे, यह तय करने की छूट राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग को होती है। उसी छूट के आधार पर मध्य प्रदेश शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने हेडगेवार और दीनदयाल उपाध्याय के बारे में पढ़ाने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार के इस फैसले ने तूल पकड़ लिया है। शिवराज सरकार पर आरोप लग रहा है कि वो छात्रों पर अपनी विचारधारा थोपने की कोशिश कर रही है।